रेहड़ी पर अंडे बेचकर भरी फीस, दफ्तरों में लगाया पोछा, कड़ी मेहनत से IAS बन अपना सपना किया पूरा

ऐसा कहा जाता है कि इंसान का हौसला मजबूत हो तो कठिन से कठिन परिस्थितियां भी उसके सामने अपने घुटने टेक देती हैं। इसलिए अपने जीवन में हौसला हमेशा ऊंचा रखना चाहिए। आप अपने मजबूत हौसले से नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकते हैं। दुनिया में लोग सफलता पाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, परंतु ज्यादातर लोग अपने जीवन की विपरीत परिस्थितियों के आगे हार मान जाते हैं, जिसके कारण इनको कामयाबी नहीं मिल पाती। वहीँ दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो लगातार जीवन में आने वाली मुश्किलों से भी हार नहीं मानते हैं और सफलता पाने के लिए लगातार मेहनत करते रहते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि उनको एक ना एक दिन कामयाबी अवश्य मिलती है। आज हम आपको सड़क पर रेहड़ी लगाने वाले एक ऐसे इंसान के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिसने यूपीएससी की परीक्षा पास की है। जी हां, जब इस शख्स ने यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास की थी तो लोग आश्चर्यचकित रह गए थे। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाला यह शख्स अपनी कठिन मेहनत और संघर्ष के बाद अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा है। इसके मजबूत हौसले के आगे हर परेशानी छोटी पड़ गई है।

आज हम आपको जिस शख्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं यह इंसान आप में एक चुनौती है। बिहार के एक छोटे गांव में रहने वाले मनोज कुमार राय आज पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। एक समय ऐसा था जब यह मामूली काम करते थे। मनोज कुमार गांव से शहर कुछ बनने का सपना लेकर आए थे। जब इन्होंने अपना गांव छोड़ा था तो यह दिल्ली शहर में पढ़ने के लिए आए, लेकिन यहां पर इनको बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ा था। अगर पढ़ाई की बात होती तो यह शायद पढ़ लेते परंतु यह देश के अधिकारी यानी आईएएस अफसर बनना चाहते थे।

आईएएस अफसर बनने के लिए बहुत कठिन मेहनत करनी पड़ती है। पढ़ाई के साथ-साथ कोचिंग भी जरूरी है। आर्थिक तंगी होने की वजह से यह इतना खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे। जो भी पैसे यह अपने घर से लेकर आए थे, वह सारे कोचिंग में ही खर्च हो गए थे। ऐसी स्थिति में उन्होंने कोई काम-धंधा देखा। पैसा कमाने के लिए इन्होंने अंडे की रेहड़ी भी लगाई। इतना ही नहीं बल्कि इन्होंने संघर्ष के दिनों में अंडे बेचे। सब्जियां बेची। यहां तक की दफ्तरों में पोंछा भी लगाया।

भले ही मनोज के जीवन में बहुत सी चुनौतियां आईं। उन्होंने अपने जीवन में बहुत से संघर्ष के दिन काटे, परंतु इनके दिमाग में हमेशा एक ही बात बनी हुई थी कि यह अपनी मेहनत से एक दिन अपना लक्ष्य अवश्य प्राप्त करेंगे। इनकी मेहनत एक दिन देश के सबसे प्रतिष्ठित पद के किसी दफ्तर में जरूर लेकर जाएगी। आखिर वह दिन आ ही गया, जब इनको अपनी मेहनत का फल मिला। जी हां, वर्ष 2010 में इन्होंने चौथे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और अब यह भारतीय आयुध निर्माणी सेवा अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आपको बता दें कि मनोज को 870वीं रैंक मिली थी।