जानिए भारत मे चन्द्र ग्रहण कब और किस समय लगेगा , किन राशियों पर पड़ेगा इसका बुरा प्रभाव ,यहाँ पढ़े इसकी पूरी जानकारी

साल 2018 में 27 जुलाई को पड़ने वाले आषाढ़ पूर्णिमा को सदी का सबसे लंबा चन्द्रग्रहण लगने जा रहा है। बता दें कि 27 और 28 जुलाई की मध्य रात्रि में लगने वाले चन्द्रग्रहण में करीब 1 घंटे 43 मिनट का खग्रास रहेगा।याद रखें कि यह चन्द्रग्रहण शुरू होने से अंत होने तक करीब 4 घंटे तक का रहेगा। वहीं, खगोल वैज्ञानिको की मानें तो यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चन्द्रग्रहण होगा और इसे पूरे भारत में आसानी से देखा जा सकता है इसके साथ ही तथा स्पर्श काल मध्यकाल एवं मोक्ष काल तक ग्रहण दिखाई देगा।

यह चंद्र ग्रहण 104 साल बाद पड़ रहा है इस कारण यह बहुत खास भी है. हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से बहुत विशेष महत्त्व होता है. इसे हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना जाता है. मत्स्य पुराण के अनुसार किसी अन्य कार्य की जगह ग्रहण काल में ईश्वर की आराधना करनी चाहिए.

गौरतलब है कि भारत के अलावा यह चन्द्रग्रहण संपूर्ण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, हिंद और अटलांटिक महासागर क्षेत्र में भी देखा आसानी से देखा जा सकेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रहण का आरंभ 1:00 बजे (28 जुलाई) से शुरू होगा। चंद्रमा, छाया के केंद्र के सबसे नज़दीक, अधिकतम ग्रहण 1:51 बजे प्रदर्शित करेगा। 2:43 बजे, कुल ग्रहण समाप्त हो जाएगा। आंशिक ग्रहण फिर से 3:49 बजे शुरू होगा। 4:58 बजे ग्रहण समाप्त हो जाएगा। ग्रहण की कुल अवधि छह घंटे और 14 मिनट होगी।

ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो जिस राशि में चन्द्रग्रहण होता है उस राशि के लोगों को बहुत कष्ट का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार ये ग्रहण मकर राशि में होने के कारण इस राशि के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।ग्रहण से जहां कई राशियों को अशुभ फल मिलने की आशंका है वहीं कुछ राशियों को लाभ और शुभ फल भी मिलने वाला है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार मिथुन, तुला, वृश्चिक और मीन राशि के लिए यह ग्रहण शुभ रहेगा तो वहीँ वृष राशि, कर्क, कन्या,  धनु, मकर एवं कुंभ राशि के जातकों को ग्रहण से नुकसान दायक है |

ग्रहण कब से कब तक  जानें विस्तार से

सबसे पहले हम आपको बता दे की ये चन्द्रग्रहण 27 जुलाई की मध्यरात्रि से प्रारंभ होकर 28 जुलाई को तड़के समाप्त होगा।

  •  स्पर्श : रात्रि 11 बजकर 54 मिनट
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  •  सम्मिलन: रात्रि 1 बजे
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  •  मोक्ष: रात्रि 3 बजकर 49 मिनट
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  •  मध्य: रात्रि 1 बजकर 52 मिनट
  •  उन्मीलन: रात्रि 2 बजकर 44 मिनट
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  • ग्रहण का कुल पर्व काल: 3 घंटा 55 मिनट
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस खग्रास चंद्रग्रहण का सूतक आषाढ़ पूर्णिमा आज शुक्रवार दिनांक 27 जुलाई को ग्रहण प्रारंभ होने के तीन प्रहर यानी 9 घंटे पहले लग जाएगा। यानी 27 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट पर लग जाएगा। सूतक लगने के बाद कुछ भी खाना-पीना वर्जित रहता है।

    इसके अलावा चन्द्र ग्रहण के दुआरण रोगी, वृद्ध, बच्चे और गर्भवती स्त्रियां सूतक के दौरान खाना-पीना कर सकती हैं उन पर ये नियम लागु नहीं होते है । सूतक प्रारंभ होने से पहले पके हुए भोजन, पीने के पानी, दूध, दहीआदि में तुलसी पत्र या कुशा डाल दें। इससे सूतक का प्रभाव इन चीजों पर नहीं होता।चंद्रग्रहण के दौरान किसी बिह दीव देवता के मूर्ति का स्पर्श वर्जित माना जाता है |