अपने जवानी के दिनों में रतन टाटा को भी हुआ था सच्चा प्यार , जानिये क्या रही अधूरी प्रेम कहानी की वजह

विश्वभर के उद्योगपतियों के बीच भारत का नाम स्थापित करने वाले जाने माने बिजनेसमैन रतन टाटा से तो आप परिचित ही होंगे| अपने अधूरे प्रेम की कहानी रतन टाटा नें खुद ही फेसबुक पेज पर शेयर की थी| और आज हम आपको इनकी इसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं| और आज वो जिस मुकाम पर भी हैं ये सब शायद इसी प्यार के बाद की जिद का नतीजा है| अभी की कहे तो इनकी उम्र 82 की है लेकिन आज भी अपने काम की तरफ ये काफी समर्पित देखे जाते हैं|

ऐसे हुआ था प्यार

शुरुआत अगर बचपन से करें तो इनका बचपन काफी खुशहाली से गुज़रा| हालाँकि बेहद कम उम्र में इन्हें माता-पिता का तलाक देखने पड़ा जो थोडा दुखद अनुभव रहा| ऐसे में इनके भाई को भी उस वक्त परेशानियों से गुजरना पड़ा| ऐसा इसलिए क्योंकि उस वक्त इनकी उम्र महज़ 10 साल थी और इनके माता पिता भी एक दुसरे से अलग हो चुके थे| रतन जी नें जब यह कहानी अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी तो यह काफी लम्बे वक्त तक ट्रेंडिंग में बनी हुई थी|

साथ ही उन्होंने बताया के उनके भाई और उनको किस तरह दुसरे विश्युद्ध के बाद उनकी दादी गर्मियों की छुट्टियों के लिए लन्दन ले गयी थीं| और उन्हें जगह जगह ये बताती थीं के क्या सही है और क्या गलत? अपने पिता को लेकर उन्होंने बताया के वो शुरू में वायलिन सीखना चाहते थे पर उनके पिता उन्हें पियानो सीखने के लिए कहते थे| और तो और वो जहा अपनी पढाई के लिए अमेरिका जाना चाहते थे, उनके पिता उन्हें लन्दन भेजना चाहते थे|

और जहाँ रतन जी का मन आर्किटेक्ट बनने का था, उनके पिता उन्हें इंजिनियर बनाने में लगे थे| हालाँकि अपनी दादी के सपोर्ट से उन्होंने अमेरिका के कार्नेल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया था|

इस वजह से छूटा पहला प्यार

अपने जवानी के दिनों में रतन टाटा भी प्यार में पड़ गये थे और जिस लडकी पर उनका दिल आया था वो लोंस एंजेलेस की रहने वाली थी| रतन उससे शादी भी करने वाले थे लेकिन दादी की तबियत बिगड़ने के चलते उन्हें भारत लौटना पड़ा| लेकिन इनके जीवन को शायद कुछ और ही मंजूर था| उन्होंने भारत आकर सब से इस रिश्ते के बारे में बात करने की भी सोची थी, लेकिन जैसे ही वो घर लौटे तो भारत और चीन का युद्ध शुरू हो गया और ऐसे में उनके माता पिता नही चाहते थे के दुसरे देश की लडकी घर आये|

रतन जी के लिए अपना प्यार न मिलना काफी दुखद रहा क्योंकि इन दोनों की शादी तक लगभग टी हीओ चुकी थी और इतना सब होने के बाद जब सबकुछ खत्म हो जाए तो तकलीफ तो लाजमी ही है| और यही रहा के साल 1962 का रतन जी का यह प्यार उनसे हमेशा के लिए जुदा ही गया| और इससे बी दुखद यह रहा के कभी वो दोबारा एक दुसरे से मिल भी नही पाए|

और इसके बाद रतन जी अपने करियर में ऐसा खोये के आज परिणाम आपके सामने ही हैं|