महज 12 साल की उम्र में इस बच्चे ने कर दिखाया कुछ ऐसा कि हर मां बाप दे रहे इसकी मिसाल

हममें से कई लोग ऐसे होते हैं जो सपना देखते हैं व पूरा भी करते हैं लेकिन कई बार तो ऐसा भी देखने को मिलता है कि कुछ लोग ऐसा कर दिखाते हैं जो उनकी उम्र के अनुसार अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

दरअसल हम बात कर रहे हैं हैदराबाद में रहने वाले 12 साल के सिद्धार्थ श्रीवास्‍तव पिल्‍लई की जिन्होने हम सभी के लिए एक अनोखा कीर्तिमान रचा है। खास बात तो ये है कि जिस देश के युवा बेरोजगारी से परेशान है व​हां एक 12 साल के लड़के की काबलियत के दम पर नौकरी लग गई है। हम बात कर रहे हैं हैदराबाद में रहने वाले 12 साल के सिद्धार्थ श्रीवास्तव पिल्लई की। सिद्धार्थ सातवीं कक्षा के स्टूडेंट है मगर उनके दिमाग की वजह से एक सॉफ्टवेयर कंपनी में डेटा साइंटिस्ट की जॉब मिल गई है।

हैरानी की बात तो ये है कि इतने कम उम्र में इनकी काबिलियत को पहचानते हुए एक सॉफ्टवेयर कंपनी में डेटा साइंटिस्‍ट के तौर पर काम मिल गया है। सिद्धार्थ श्री चैतन्‍य स्‍कूल में कक्षा 7 के स्‍टूडेंट हैं। इतना ही नहीं आपको सुनकर हैरानी होगी कि सिद्धार्थ को सॉफ्टवेयर कंपनी मोंटैजीन स्‍मार्ट बिजनेस सॉल्‍यूशंस ने अपने यहां जॉब दी है। यही नहीं इतनी कम में यहां तक पहुंचने के लिए सिद्धार्थ अपने परिवार के लगातार प्रोत्‍साहन को श्रेय देते हैं।

जब इस बारे में सिद्धार्थ से पूछा गया तो उन्होने बताया कि ‘मैं श्री चैतन्‍य टेक्‍नो स्‍कूल्‍स में 7वीं का स्‍टूडेंट हूं और सॉफ्टवेयर कंपनी जॉइन करने के पीछे मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा तन्‍मय बख्‍शी हैं। इतना ही नहीं उन्‍हें बहुत कम उम्र में ही गूगल में एक डेवलपर के रूप में जगह मिल गई थी। लेकिन अब वो दुनिया को यह समझने में मदद कर रहे हैं कि आर्टिफिशल इंटेजिलेंस (एआई) क्रांति कितनी सुंदर चीज है।

पिता ने बचपन में ही सिखाई कोडिंग

आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये इतनी कम उम्र में कैसे करने में सफल हो पाएं, तो इसके पीछे का राज उनके पिता हैं। जी हां दरअसल कम उम्र में इतनी उपलब्धियों के लिए सिद्धार्थ अपने पिता को जिम्‍मेदार मानते हैं। उन्‍होंने बहुत छोटी उम्र से ही सिद्धार्थ को कोडिंग सिखाई है। भले ही सिद्धार्थ अभी सातवीं कक्षा के स्टूडेंट है मगर उनके दिमाग की वजह से एक सॉफ्टवेयर कंपनी में डेटा साइंटिस्ट की जॉब मिल गई है।

सॉफ्टवेयर कंपनी मोंटैजीन स्‍मार्ट बिजनेस सॉल्‍यूशंस ने सिद्धार्थ को अपने यहां जॉब दी है। सिद्धार्थ अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने परिवार और खासतौर से अपने पापा को देते हैं। जब दूसरे बच्चे एबीसीडी ​सीख रहे होते हैं उस उम्र में सिद्धार्थ ने सॉफ्टवेयर कोडिंग सीख ली। सिद्धार्थ के पापा ने उन्हे कम उम्र में कोडिंग सिखा दी। बता दें कि तन्मय बख्शी जोकि 13 साल की उम्र में गूगल की नौकरी के लिए चुना गया था। तन्मय बख्शी को गूगल ने 66 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर सेलेक्ट किया था। सिद्धार्थ ने बताया कि तन्मय की तरह वह आर्टिफिशल इंटेजिलेंस (एआई) क्रांति को समझने की कोशिश कर रहे हैं।