गोल गप्पे खाने वालो के लिए बुरी खबर, अब से नहीं बिकेगी भारत के इस शहर में पानी-पूरी, प्रशासन ने लगाया बेन

इस बात में कोई शक नहीं कि भारत में लोग खाने पिने के बहुत शौक़ीन होते हैं. खासकर कि यहाँ मिलने वाले फ़ास्ट फ़ूड की दुकानों पर हमेशा भीड़ लगी ही रहती हैं. ढोसा, पाँव भाजी से लेकर समोसा कचोरी तक लोग सब कुछ खाना पसंद करते हैं. वैसे इन सभी फास्ट फूड्स में से एक चीज पुरे भारत में सबसे अधिक पॉपुलर हैं और वो हैं पानी पूरी या गोल गप्पा.

आज जब भी बाजार में टहलने निकलते हैं तो कोई ना कोई पानी पूरी का ठेला आपको जरूर दिख जाता हैं. इस ठेले की खासियत ये होती हैं कि यहाँ हमेशा भीड़ लगी ही रहती हैं. लोगो को गोल गप्पे खाने का बड़ा शौक होता हैं. मौसम कोई भी हो गर्मी, ठण्ड या बारिश पानी पूरी की बिक्री पर इसका कोई असर नहीं पड़ता हैं. लेकिन गुजरात के बड़ोदरा में रहने वाले लोगो के लिए एक पूरी खबर हैं. यहाँ की नगर निगम ने पानी पूरी की बिक्री पर अस्थायी पाबंदी लगा दी हैं. आइए विस्तार से जाने आखिर ऐसा क्यों किया गया हैं.

दरअसल हाल ही में मानसून शुरू हो गया हैं. ऐसे में लगातार हो रही बारिश की वजह से ये मानसून हर साल अपने साथ कई तरह की बीमारियाँ और कीटाणु भी साथ लाता हैं. ऐसे में बड़ोदरा के नगर निगम अधिकारीयों ने पाया कि यहाँ पानी पूरी के पानी को जिस तरीके से बनाया जाता हैं वो काफी अशुद्ध हैं. इस पानी की वजह से आम नागरिको को कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं.

ऐसा नहीं हैं कि नगर निगम ने ये निर्णय रातों रात ही लिया हैं. वे लोग बड़ोदरा के कई जगहों पर गए जहाँ गोल गप्पे में इस्तेमाल होने वाले पानी का उन्होंने गहरा अध्ययन किया. इस अध्ययन में उन्होंने पाया कि इस पानी की वजह से शहर में टाईफाईड, पिलिया और फ़ूड पाइजनिंग जैसी बीमारियाँ काफी फ़ैल रही हैं.

शहर भर में पानी पूरी की बिक्री पर बेन लगाना इतना आसान भी नहीं था. इसे इफ़ेक्ट में लाने के लिए नगर निगम के अधिकारीयों ने पुरे बड़ोदरा में कई पानी पूरी बनाने वाले लोगो के यहाँ छापा मारा. इस छापे में उन्होंने हजार किलो खराब आटा, बासी तेल, सड़े टमाटर और बास मारता पानी जब्त कर फेंक दिया. जरा सोचिए ये सभी बेकार हालत वाली सामग्रियों से ही आपका फेवरेट फ़ूड तैयार होता था.

अभी नगर निगम ने शहर के करीब 50 मुख्य पानी पूरी बनाने वाले निर्मातों के यहाँ छापा मारा हैं. इन निर्माताओं के कनेशन सारे शहर के ठेले वालो और दुकानों में थे. आपको जान हैरानी होगी कि उन्होंने इस छापेमारी में 4000 किलो पूरी, 3500 किलो आलू – चना और करीब 1200 लीटर अम्लीय पानी फेंका हैं. वैसे इस बात से आपको दुखी नहीं होना चाहिए. क्योंकि यदि वे ऐसा नहीं करते तो बड़ोदरा के रहवासी इसी कचरे को खाते और फिर बिमारी को दावत देते.

बड़ोदरा नगर निगम ने दुकानदार और व्यापारियों से कहा हैं कि वो बारिश का सीजन ख़त्म हो जाने तक शहर में पानी पूरी ना बेचे. वैसे देखा जाए तो ये कदम आम जनता के हित में ही हैं. वैसे बड़ोदरा रहने वाली तो अब बारिश में पानी पूरी नहीं खा पाएंगे लेकिन जो लोग अन्य शहरों में रह रहे हैं उनसे भी हमारी विनती हैं कि आप बारिश में बाहर की चीजों को खाने से बचे.