बाढ़ भी नहीं रोक पाई इस लड़की की पढ़ाई का जुनून, खुद नाव चलाकर स्कूल जाती है ये 15 साल की लड़की

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं देश भर में कोरोना महामारी का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लॉक डाउन के दौरान देशभर के लोगों का रोजगार ठप्प हो गया था। इतना ही नहीं बल्कि बच्चों की शिक्षा पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला, जिसके चलते ऑनलाइन क्लास शुरू की गई। हालांकि स्मार्टफोन जैसी सुविधाओं के अभाव में अभी भी ऐसे बहुत से लाखों बच्चे हैं, जो ऑनलाइन क्लास अटेंड नहीं कर पाते हैं।

इसी बीच हाल ही में स्कूल खुलने के बाद यह माना जा रहा है कि उन बच्चों की शिक्षा को वापस पटरी पर लाया जा सकता है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। ऐसे में अब बच्चों को स्कूल तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो रहा है। बता दें गोरखपुर की एक लड़की ने बाढ़ जैसे कठिन हालातों का सामना करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी हुई है। पढ़ाई को लेकर इस लड़की के जज्बे को सभी लोग सलाम कर रहे हैं।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की एक 11वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़की ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर पढ़ने की लगन हो तो इंसान रास्ते खुद ही निकाल लेता है। यूपी के गोरखपुर जिले में कई इलाकों में इन दिनों बाढ़ का संकट छाया हुआ है। ऐसे में यहां की एक लड़की रोजाना खुद नाव चलाकर स्कूल पढ़ाई करने के लिए जाती है। सोशल मीडिया पर इस लड़की की यूनिफार्म पहने नाव चलाती हुई तस्वीरें काफी तेजी से वायरल हो रही हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, इस लड़की का नाम संध्या साहनी है, जिसकी उम्र 15 वर्ष बताई जा रही है। यह गोरखपुर के बहरामपुर के पास एक गांव की रहने वाली है। इन दिनों उस इलाके में बाढ़ की वजह से पानी भर गया है। ऐसी हालत में घर से निकलना भी लोगों के लिए काफी मुश्किल हो रहा है। संध्या की नाव चलाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही हैं। संध्या का ऐसा कहना है कि उन्होंने नाव चलाना 6 साल पहले ही सीख लिया था परंतु अब वह इसका इस्तेमाल स्कूल जाने के लिए कर रही हैं।

खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि संध्या एडी राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में 11वीं कक्षा में पढ़ाई करती है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के समय स्कूल बंद हो गए थे, जिसके कारण उनकी पढ़ाई पर भी प्रभाव पड़ा, उनकी पढ़ाई रुक गई थी। उनके पास मोबाइल ना होने के कारण ऑनलाइन क्लास भी अटेंड नहीं कर पा रही थी। जब सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला लिया तो गांव के आसपास बाढ़ आ गई परंतु इस कठिन परिस्थिति में भी संध्या ने हार नहीं मानी और नाव चला कर स्कूल जाने का निर्णय ले लिया।

आपको बता दें कि संध्या के पिताजी का नाम दिलीप साहनी है, जो कारपेंटर का कार्य करते हैं। उनके चार बच्चे हैं। दिलीप का ऐसा बताना है कि संध्या पढ़ाई में बहुत होशियार है और वह रेलवे में नौकरी करना चाहती है। रोजाना संध्या 20 मिनट तक नाव चलाकर स्कूल जाती है। इस लड़की की कहानी सुनकर हर कोई उसके जज्बे को सलाम कर रहा है। सोशल मीडिया पर संध्या की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं।