ये हैं देश के 5 चमत्कारिक कालभैरव मंदिर, जहां दर्शन मात्र से भक्तों की हर इच्छाएं होती हैं पूरी

पुराणों के अनुसार देखा जाए तो काल भैरव भगवान शिव जी के स्वरूप हैं। काल भैरव की पूजा अर्चना का विशेष दिन काल भैरव अष्टमी मानी जाती है। इस बार 7 दिसंबर को काल भैरव अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि अगर काल भैरव जयंती के दिन काल भैरव जी की पूजा की जाए तो इससे व्यक्ति के जीवन के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं और व्यक्ति का जीवन खुशहाल बनता है। देश के सभी क्षेत्रों में भगवान भैरव जी की पूजा की जाती है। ऐसे बहुत से काल भैरव जी के मंदिर है जहां पर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। इन मंदिरों की अपनी-अपनी अलग मान्यता बताई गई है। यह मंदिर देश भर में बहुत प्रसिद्ध हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन मंदिरों में दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से काल भैरव के कुछ ऐसे प्रमुख मंदिरों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो देश के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माने गए हैं। यह मंदिर बेहद चमत्कारिक हैं।

काल भैरव मंदिर, उज्जैन

काल भैरव भगवान का चमत्कारिक मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यहां पर काल भैरव जी की जो मूर्ति विराजमान है, वह मदिरापान करती है। यहां पर जो भी भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए आता है वह यह सब नजारा देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है। देखते ही देखते पात्र जिसमें मदिरा का भोग लगाया जाता है वह बिल्कुल खाली हो जाता है। आखिर मदिरा कहां पर चली जाती है? यह रहस्य अभी तक रहस्य ही रह गया, इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है। काल भैरव जी के इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है और सभी भक्त इस चमत्कार को अपनी आंखों से देखते हैं। भगवान काल भैरव जी के इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 6000 साल पुराना है। यहां पर काल भैरव को प्रसाद के रूप में केवल मदिरा ही अर्पित की जाती है।

भैरव मंदिर, काशी

वैसे देखा जाए तो देश भर में काल भैरव भगवान के कई मंदिर मौजूद है। उन्हीं मंदिरों में से एक काशी के काल भैरव मंदिर हैं, जिसकी विशेष मान्यता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में काशी नगरी को मोक्षदायनी नगरी भी कहा जाता है। यहां पर साक्षात भगवान विश्वनाथ विराजमान हैं, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस नगरी में रक्षा भैरवनाथ करते हैं। उन्हें काशी का कोतवाल भी बताया जाता है। काल भैरव भगवान का यह मंदिर काशी के विश्वनाथ मंदिर से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसा माना जाता है कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के पश्चात जो भक्त इनके दर्शन करता है उसकी पूजा सफल होती है।

बटुक भैरव मंदिर, नैनीताल

भैरव बाबा का अत्यंत प्रसिद्ध मंदिर नैनीताल के समीप घोड़ाखाल का बटुक भैरव मंदिर है। यह गोलू देवता के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। यहां पर श्वेत गोल प्रतिमा के रूप में भगवान विराजित हैं। रोजाना ही यहां श्रद्धालु भगवान की पूजा करने के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त अपने सच्चे मन से भगवान की पूजा और प्रार्थना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। जब भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो इस मंदिर में घंटी भेंट करते हैं।

नाकोड़ा भैरव मंदिर

काल भैरव भगवान के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक श्री नाकोड़ा भैरव मंदिर है। आपको बता दें कि श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ एक अत्यंत प्राचीन तीर्थ स्थल है, जो जोधपुर से 116 किलोमीटर तथा बालोतरा से 12 किलोमीटर, जोधपुर-बाड़मेर मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि चमत्कारों की वजह से ही यहां पर भक्त श्री नाकोड़ा भैरव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहाँ सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

बटुक भैरव मंदिर, दिल्ली

दिल्ली के बटुक भैरव मंदिर का अपना ही महत्व है। आपको बता दें कि इस मंदिर में बाबा बटुक भैरव जी की जो मूर्ति है वह एक कुएं के ऊपर विराजित है और इनका सिर्फ चेहरा ही है। इनके चेहरे पर बड़ी-बड़ी दो आंखें दिखाई देती हैं। इस मंदिर में बटुक भैरव नाथ जी को मदिरा, गुड़, दूध का प्रसाद भक्त अर्पित करते हैं।