मामूली दिहाड़ीदार की बेटी ने कर दिखाया कमाल, मेहनत और लगन से पास कर दिखाया देश का सबसे कठिन एग्जाम

कामयाबी अमीरों की गुलाम नहीं है. इस पर गरीबों का भी अधिकार है इसी लाइन को सही साबित कर दिखाया है रीवा के छोटे से गांव लौरी नंबर 3 की रहने वाली रामकली कुशवाहा ने. गरीब परिवार किस बेटी ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसको करने का सपना बड़े-बड़े लोग देखते हैं. लेकिन कर नहीं पाते आखिरकार ऐसा क्या किया है इस लड़की ने जिसके कारण यह पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. आज हम अपनी इस पोस्ट के जरिए इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं.

मजदूर की बेटी ने पास किया सबसे कठिन एग्जाम

मध्य प्रदेश के रीवा के छोटे से लौरी की रहने वाली रामकली ने वाकई कमाल कर दिखाया है दरअसल इस मजदूर मां बाप की बेटी ने कठिन एग्जाम की लिस्ट में शुमार GATE (Graduate Aptitude Test in Engineering को पास कर दिखाया है इस एग्जाम को पास करने में बड़े-बड़े लोगों के पसीने छूट जाते हैं. गौरतलब है कि रामकली कुशवाहा के पिता मजदूरी कर अपने घर की जीविका चलाते हैं इनके घर की आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा खराब है. लेकिन बेटी के मजबूत इरादे और सफलता ने गरीब मां-बाप के सपनों को पंख लगा दिए. बताते चलें कि माता-पिता ने खूब मेहनत कर अपनी बेटी को आगे बढ़ाया और बेटी ने भी खूब मेहनत कर अपने माता-पिता का नाम रोशन कर दिया. रीवा की मेहनत के फल स्वरुप उन्होंने गेट के एग्जाम में सफलता हासिल कर ली.

मीडिया से बात कर रामकली ने बताई यह बात

मीडिया से बात करते हुए रामकली ने कहा कि पापा चंद्रिका कुशवाहा और माता प्रेमवती कुशवाहा ने मिट्टी के कच्चे मकानों में अपनी जिंदगी व्यतीत की है. लेकिन उसे और उसके भाई बहनों को शिक्षा दिलाने में उन्होंने कभी भी कोई कमी नहीं छोड़ी. उन्होंने मीडिया को इस बात की भी जानकारी दी कि वह आगे आईआईटी मुंबई से एम टेक की शिक्षा ग्रहण करना चाहती है.

अपने भाई-बहन में सबसे बड़ी है रामकली

जानकारी के लिए बता दे रामकली के अलावा उनके तीन भाई बहन और है. उनका एक भाई 12वीं क्लास की पढ़ाई कर रहा है वहीं उनकी एक बहन नौवीं कक्षा में है. और उन का छोटा भाई अभी महज 5 साल का है. रामकली अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी है अलग-अलग स्कूलों से 12वीं की शिक्षा प्राप्त करने के बाद रामकली के मन में बीटेक करने की इच्छा उत्पन्न हुई. उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए उनका साथ दिया उनके फिजिक्स के टीचर समीर वर्मा ने. जिसके बाद रामकली ने बीटेक की पढ़ाई पूरी कर ली.

खाली समय में परीक्षा की करती थी तैयारी

लेकिन जब देश में कोरोना महामारी के चलते संपूर्ण लोग डाउन लगा तो रामकली के मन में गेट की परीक्षा देने की इच्छा उत्पन्न हुई. इसके बाद उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी अपने मोबाइल और लैपटॉप के जरिए घर पर बैठकर की. 2 साल तक उन्होंने अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिन रात एक कर दिए जिसके बाद 17 मार्च को रामकली के गेट का रिजल्ट आया. इस परीक्षा में रामकली ने सिविल इंजीनियरिंग में पूरे भारत 3290 रैंक और एनवायरमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग में 435वीं रैंक प्राप्त की.

CM शिवराज ने रामकली को खुद दी बधाई

रामकली के सफलता प्राप्त करने के बाद आज उनको बधाई देने वालों की कोई कमी नहीं है. आम जनता से लेकर राज्य के सीएम शिवराज सिंह तक ने रामकली को उनकी सफलता पर बधाई दी है. शिवराज सिंह ने रामकली से बात करके इस बात की पुष्टि की है कि आगे एम टेक की पढ़ाई पूरी करने में राज्य सरकार रामकली की सहायता करेगी.