30 साल पहले अपनी मैडम को पायलट बनने का किया था वादा, अब अचानक से मिली टीचर तो सच्चाई आ गई सामने

दोस्तों जैसा कि आप सब लोगों ने सुना ही है कि यह दुनिया काफी ज्यादा छोटी है यह कब किस से मुलाकात हो जाए इस बात का किसी को भी कोई अंदाजा नहीं है. अब एक ऐसी ही घटना कुछ समय पहले दिल्ली से सामने आई थी. जहां दिल्ली से शिकागो की ओर जा रही फ्लाइट इंडिया में एक सुधा नाम की अध्यापिका सफर कर रही थी. ऐसे में प्लेन की उड़ान भरने से पहले एयर एयरहोस्टेस एयरप्लेन के सभी क्रू मेंबरों के नाम बताएं. जिसमें कैप्टन रोहन भसीन का नाम भी शामिल था. यह नाम सुनते ही इस अध्यापिका को अचानक अपना 30 साल पुराना विद्यार्थी याद आ गया. जो कि बचपन में अपनी अध्यापिका को बड़ा होकर पायलट बनने की बात कहा करता था.

ऐसे में सुधा नाम की इस अध्यापिका ने एयर हॉस्टल को सारी बात बताई और रोहन से मिलने की विनती की. इसके चलते जब इस बात की जानकारी कैप्टन रोहन को लगी तो उन्होंने उस अध्यापिका को अपने पास अपने कोकपिट में बुलवाया. इस अध्यापिका ने जैसे ही अपने 30 साल पुराने विद्यार्थी को पायलट की ड्रेस पहने हुए देखा तो वह काफी ज्यादा भावुक हो गई उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. सुधा ने तुरंत अपने पुराने विद्यार्थी रोहन को गले लगा लिया और यह नजारा सभी को काफी ज्यादा भावुक कर देने वाला था. जानकारी के लिए बता दें यह पूरी घटना रोहन की मां ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए लोगों तक साझा की. जहां रोहन की मां ने एक तरफ तो दोनों की मुलाकात की फोटो शेयर की और दूसरी तरफ उन्होंने रोहन और उनकी टीचर की बचपन की तस्वीरें शेयर की.

रोमन की मां ने इस बात की जानकारी सभी को दी कि सुधा रोहन की प्ले स्कूल की टीचर है जब रोहन ने पहली बार स्कूल क्लास में अपना परिचय दिया था तो उन्होंने खुद का नाम कैप्टन रोहन भसीन नहीं बताया था. हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि यही लड़का 30 साल बाद सच में पायलट बना हुआ अपने टीचर से मिला. आपकी जानकारी के लिए बता दे रोहन अपनी फैमिली से पहले पायलट नहीं है इससे पहले भी उनके परिवार के कई सदस्य पायलट बन चुके हैं. गौरतलब है कि रोहन के दादा जय सिंह भसीन भारत के उन साथ पायलेट्स में से एक थे सन 1954 के दौरान पहले कमांडर बने थे.

इसके अलावा रोहन के माता-पिता भी एयरलाइंस में काम कर चुके हैं. वही आपकी जानकारी के लिए बता दें रोहन की बहन और उनके जीजा भी पायलट के रूप में काम करते हैं. इन सब से ही रोहन को बचपन से ही पायलट बनने की प्रेरणा मिली थी. रोहन 12वीं की कक्षा पार करने के बाद से ही प्लेन उड़ाने का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था और वह जो है एक बेहतरीन पायलट है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर रोहन और उसकी अध्यापिका की कहानी खूब वायरल हो रही है जो भी इस कहानी को पढ़ रहा है वह काफी ज्यादा भावुक हो रहा है एक यूजर ने तो कमेंट बॉक्स में है तब भी लिख दिया कि, ‘किसी टीचर के लिए इससे ज्यादा गर्व की बात नहीं हो सकती कि उसके स्टूडेंट का जो लक्ष्य था उसने हासिल कर लिया.’