मेट्रो में सीट न मिलने के चलते बच्चे को ज़मीन पर ही लेकर बैठ गई महिला, IAS बोले- ‘शर्म है ऐसी डिग्री लेने में जिसमे इंसानियत नहीं’

मेट्रो ट्रेनों में सीट हासिल करना बड़ा ही मेहनत भरा काम है जैसे ही मेट्रो ट्रेन स्टेशन पर पहुंचती है वैसे ही लोग तेजी से ट्रेन के अंदर चढ़ने की कोशिश करते हैं. ताकि जल्दी से उनको कोई सीट मिल जाए. हालाकि इस दौरान कई बार हालात और मौके पैदा हो जाते हैं कि उस समय इंसान को दूसरों की मदद करने के बारे में सोचना चाहिए. हालही में आईएएस अवनीश शरण ने टि्वटर अकाउंट के जरिए एक ऐसी वीडियो शेयर की है जो यह साबित करती है कि इंसान के पास डिग्री होने का कोई भी फायदा नहीं है. यदि उसके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आए तो. क्योंकि उनका मानना है कि इंसान को स्वभाव से दयालु और दूसरों की मदद करने वाला होना चाहिए फिर चाहे उसके पास कोई डिग्री हो या ना इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.

जानकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दें कि आईएएस अवनीश शरण ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि, ‘आप की डिग्री महज एक कागज का टुकड़ा है अगर आप का व्यवहार दूसरों की मदद करने वाला नहीं है.’ इन दिनो इस आईएएस द्वारा शेयर की गया यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है और सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो पर तरह तरह की प्रतिक्रिया कर रहे हैं . बता देगी वायरल हो रहे वीडियो में आप मेट्रो ट्रेन के अंदर अपने बच्चे को गोद लिए एक गरीब महिला को नीचे बैठे लिए देख सकते हो.

बता दे इस वीडियो के बारे में होने के बाद कुछ लोग तो महिला के पक्ष में उतरे हैं लेकिन कुछ लोग महिला के खिलाफ कॉमेंट कर रहे हैं.एक सोशल मीडिया यूजर ने इस वीडियो के कमेंट बॉक्स में आकर कमेंट किया कि 8 से 9 घंटे की नौकरी करने के बाद 2 घंटे का सफर तय करना आसान नहीं होता. ऐसे में इंसान केवल अपने बारे में ही सोच सकता है आपके पास तो सरकारी कार है इसलिए आप इस महिला के बारे में सोच पा रहे है. वही किसी अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट करते हुए कहा कि बड़ा दुख हुआ यह सब देख कर वाकई लोगों की बेशर्मी की तो हद हो गई है. इनको तो वीडियो बनाकर टि्वटर टि्वटर खेलना है वीडियो बनाने से पहले उनको अपनी सीट दे देते. लेकिन आप ऐसा नहीं करोगे क्योंकि आपके लिए तो इस समय वीडियो बनाना ज्यादा जरूरी रहा होगा.

वही किसी अन्य ने कमेंट करते हुए लिखा- ‘हो सकता है की वह नीचे बैठकर ज्यादा आराम महसूस कर रही है. क्योंकि कई सारी महिलाएं ऐसी है जिनको अपने बच्चे के साथ नीचे बैठना काफी ज्यादा पसंद होता है और जो सीट पर बैठकर सफर कर रहे हैं आखिरकार वह भी इंसान हैं. यह भी तो हो सकता है कि लोग भी काफी ज्यादा थक गए हो इसके अलावा यह भी हो सकता है कि किसी ने उसको अपनी सीट देने की कोशिश की है और इस महिला ने ही सीट लेने से मना कर दिया हो. आप तो बड़े अधिकारी है क्या आपने यह सब बातें नहीं सोची सर?’