चाणक्य नीति अनुसार, ये 6 आदतें आपका कर सकती हैं सत्यानाश, तुरंत कर दें त्याग

आचार्य चाणक्य अपने समय के एक कुशल और योग्य रणनीतिकार थे। आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति नामक एक पुस्तक लिखी है, जिसमें उन्होंने ऐसी बहुत सी बातों का जिक्र किया है जो मनुष्य के लिए बेहद कारगर साबित होती हैं। आचार्य चाणक्य की नीतिशास्त्र में मानव कल्याण से जुड़ी हुई बहुत सी बातें बताई गई हैं, जिनका अगर व्यक्ति पालन करता है तो इससे वह अपने जीवन की कई परेशानियों से बच सकता है। कलयुग में भी आचार्य चाणक्य की नीतियां लागू होती हैं।

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में ऐसी कुछ आदतों के बारे में बताया है जिसकी वजह से मनुष्य परेशानी में पड़ सकता है। जी हां, चाणक्य नीति अनुसार, इंसान की कुछ बुरी आदतें होती है जो उसका सत्यानाश कर सकती हैं इसलिए इन आदतों को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी त्याग करना ही सही रहेगा। तो चलिए जानते हैं आखिर यह आदतें कौन सी हैं।

अपनी वाणी पर संयम न रखना

आचार्य चाणक्य अनुसार जो व्यक्ति अपनी वाणी पर संयम नहीं रखता है या फिर किसी व्यक्ति की वाणी कठोर है तो उनके पास कभी भी धन की देवी माता लक्ष्मी नहीं रहती हैं क्योंकि ऐसे लोग हमेशा दूसरे लोगों के मन को ठेस पहुंचाने की कोशिश में लगे रहते हैं, जिसके कारण माता लक्ष्मी जी उनसे नाराज हो जाती हैं। ऐसे लोगों को गरीबी का सामना करना पड़ता है।

जरूरत से ज्यादा भोजन करने वाले लोग

अगर किसी व्यक्ति की आदत है कि वह जरूरत से ज्यादा भोजन करता है, तो वह दरिद्र हो जाते है क्योंकि जो लोग जरूरत से ज्यादा भोजन करते हैं वह गरीबी की तरफ चले जाते हैं। आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि ऐसे लोग कभी भी शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं रहते हैं। कोई ना कोई बीमारी इनको लगी रहती है।

छल कपट करने वाले लोग

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में इस बात का जिक्र किया है कि जो लोग छल कपट या बुरे कामों से पैसा कमाने में लगे रहते हैं, उनके पास पैसा ज्यादा समय तक नहीं टिक पाता है। ऐसे लोगों को अपने जीवन में हमेशा परेशानियों का ही सामना करना पड़ता है, जिसके कारण जल्द ही उनका पैसा बर्बाद हो जाता है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि छल कपट करने वाले लोग अपने जीवन में हमेशा दुखी रहते हैं।

रोजाना दातुन ना करना

चाणक्य नीति अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने दांतो की ठीक प्रकार से साफ सफाई नहीं करता है, तो ऐसे व्यक्ति से माता लक्ष्मी जी नाराज हो जाती हैं। इन लोगों के पास धन की कमी बनी रहती है। यह लोग दरिद्र हो जाते हैं।

गंदे रहने वाले लोग

जो लोग अपने आसपास साफ-सफाई नहीं रखते हैं और गंदे कपड़े पहनते हैं। ऐसे लोगों से माता लक्ष्मी जी नाराज होकर दूर चली जाती हैं। आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि ऐसे लोगों को समाज में मान-सम्मान की भी प्राप्ति नहीं होती है।

सुबह देर तक सोने वाले लोग

आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि जो लोग सुबह से लेकर संध्या तक सोए रहते हैं, उनके ऊपर धन की देवी माता लक्ष्मी जी की कृपा नहीं होती है। जो लोग सूर्य उदय के पश्चात भी सोए रहते हैं, उनके जीवन में दरिद्रता बनी रहती है।