पति के साथ तलाक होने के बाद महिला की बदली जिंदगी, अचानक से फूल गया पेट और दे दिया 14 बच्चों को जन्म

मां बनना एक बेहद खूबसूरत एहसास है जो कि औरत को मुकम्मल बनाता है. हर औरत चाहती है कि वह शादी के बाद जल्दी से मां बन जाए और अपनी जिम्मेदारियां निभा सके. वही हर औलाद का सबसे अधिक स्नेह अपनी मां के साथ ही होता है. कुछ लोगों की झोली में भगवान शादी के कुछ ही समय बाद खुशियाँ भर देता है जबकि कईयों के आंगन में खुशियों की किलकारियां गूंजने में काफी समय बीत जाता है. अक्सर हमें न्यूज़ पेपर की हेडलाइंस में अजब गजब किस से पढ़ने को मिलते है. वही आज भी हम आपको एक सच्ची घटना के बारे में बता रहे हैं जो आपको भी हैरत में डाल देगी. दरअसल यह मामला ऐसी महिला का है जिसने 8 बच्चों को एक साथ जन्म दिया है. इतने सारे बच्चे गर्भशय में होने के कारण इस महिला का पेट गुब्बारे की तरह बड़ा हो गया था. आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से.

मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला संयुक्त राज्य अमेरिका की निवासी महिला नाद्या सुलेमान का है. 45 वर्षीय इस महिला ने बच्चों के बारहवें जन्मदिन पर अपनी कहानी को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनके गर्भाश्य में एक साथ 8 बच्चे थे और उन बच्चों को पैदा करना और उनकी परवरिश करना उनके लिए कितना अलग अनुभव रहा था. गौरतलब है कि यह बच्चे महिला ने आईवीएफ तकनीक के द्वारा पैदा किए थे. बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने 12 कुल बच्चों के भ्रूण रखे थे जिनमें से आठ ही जीवित बच्चे पैदा हुए थे. यह पूरी घटना साल 2009 की है जबकि अब यह बच्चे 12 साल के हो चुके हैं. महिला ने अपने बच्चों के बारे में जन्मदिन पर इनकी कुछ शानदार तस्वीरें भी शेयर की है जिन्हें सोशल मीडिया पर काफी पसंद भी किया जा रहा है.

हैरत की बात यह भी है कि आठ बच्चों को जन्म देकर मां बनने वाली नाद्या सुलेमान पहले से ही 6 बच्चों की मां थी. यानी अब इस महिला के कुल 14 बच्चे हैं. महिला के अनुसार उसका पति के साथ काफी पहले से ही तलाक हो चुका है. उसने तलाक के बाद मिलने वाली एलुमनी से आईवीएफ टेक्नोलॉजी की मदद से बच्चों को जन्म दिया था और अब वह उनकी परवरिश व पालन पोषण में अपना समय बिता रही है. वही जिस डॉक्टर ने महिला के गर्भ में 12 बच्चों को एक साथ डाला था, उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है.

जानकारी के लिए बता दें कि डॉक्टरी नियमों के अनुसार आईवीएफ की मदद से किसी भी महिला के गर्भाशय में तीन से ज्यादा बच्चे भ्रूण में इम्प्लांट नहीं किए जा सकते. डॉक्टर कामरबा के अनुसार उसे महिला ने ही इतने बच्चे गर्भ में रखने के लिए बोला था. जबकि महिला के अनुसार डॉक्टर ने उसे बेवकूफ बनाया और इतने बच्चे एकसाथ डाल दिए. बता दें कि सुलेमान की डिलीवरी 46 डॉक्टर और नर्सों की एक टीम की मदद से की गई थी.

यह अब तक की सबसे कठिन डिलीवरी थी जिसे पूरा करने में 31 हफ़्तों का समय लग गया था. ऐसे में सुलेमान के 8 बच्चे जीवित पैदा हुए जो की अब बड़े हो गए हैं और माँ के साथ काफी ख़ुशी से रह रहे हैं. नाद्या के 14 में से 13 बच्चे शाकाहारी हैं और उनके पालन-पोषण के लिए उसे दिन रात मेहनत करनी पड़ती है.