पिता की मौत के बाद 2 बच्चों को छोड़ चली गई मां, अब UP पुलिस बनी “गार्जियन”, लौटाई मासूमों के चेहरे पर खुशी

पुलिस को लेकर लोगों की सोच कैसी है, यह हमें बताने की आवश्यकता नहीं है परंतु आपको यह जरूर बता दें कि हर पुलिसवाले एक जैसे नहीं होते हैं। कई मौकों पर जहां पुलिस की आलोचना होती है, तो वहीं कई बार यही पुलिस ऐसे भी काम करती हैं जिससे वह सभी का दिल जीत लेती है। अगर हम उत्तर प्रदेश की पुलिस की बात करें तो यहां की पुलिस की भूमिका हमेशा सवालों के घेरे में रहती हैं लेकिन कभी-कभी पुलिस ऐसा काम करती हैं जो कहीं ना कहीं पुलिस के कामकाज की हर और तारीफ होती है।

अब इसी बीच उत्तर प्रदेश के इटावा पुलिस का एक अलग अंदाज देखने को मिला है। जी हां, इटावा में पुलिस का बड़ा मानवीय चेहरा सामने आया है। दरअसल, बसरेहर थाना पुलिस दो बेसहारा बच्चों के लिए अभिभावक बनी हुई है। इन दोनों मासूम बच्चों की मां इन्हें छोड़ कर कहीं चली गई। जब उन्होंने घर पर अपनी मां को नहीं पाया तो वह उसकी तलाश में थाने पहुंच गए। जब यहां पर दोनों ने अपनी दास्तां सुनाई, तो इसके दर्द से पुलिसवालों का दिल भी पसीज गया।

पिता की मौत के बाद दो बच्चों को घर में छोड़ गई मां

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह बसरेहर क्षेत्र के अमृतपुर गांव के रहने वाले दो मासूम बच्चों से जुड़ा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह दोनों बच्चे अमृतपुर गांव के रहने वाले सफीक मोहम्मद के हैं। सफीक मोहम्मद की 6 महीने पहले ही मृत्यु हो गई थी। उसके बाद दोनों बेटों की देखभाल उसकी मां रवीना बेगम कर रही थी। लेकिन कुछ दिन पहले ही अचानक से रवीना बेगम अपने दोनों बच्चों को घर पर ही अकेला छोड़कर कहीं चली गई।

यह दोनों मासूम बच्चे चार दिनों से परेशान थे। दोनों मासूम बच्चे अपनी मां के इंतजार में भूखे थे और मां का घर पर इंतजार करते रहे। जब इन दोनों मासूम बच्चों की मां घर वापस नहीं आई, तो दोनों बच्चे अपनी बुआ के साथ रोते बिलखते हुए थाने पहुंच गए। वहां उन्होंने उप निरीक्षक नीरज शर्मा को अपनी आपबीती सुनाई और उनकी मां को घर पर ले आने की गुहार लगाई। इस पूरी घटना को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस सब इंस्पेक्टर नीरज शर्मा का दिल पसीज गया।

अभिभावक बनी पुलिस

इसके बाद वरिष्ठ पुलिस सब इंस्पेक्टर नीरज शर्मा ने दोनों मासूम बच्चों को सबसे पहले खाना खिलाया, फिर इन्हें बाजार ले जाकर नए कपड़े और जूते चप्पल भी दिलवाए। उन्होंने दोनों बच्चों को विश्वास दिलाया कि वह जल्द ही उनकी मां को ढूंढ कर वापस लाएंगे। इस पर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। इटावा के एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने बताया कि बसरेहर पुलिस के पास दो मासूम भाई रोते बिलखते हुए पहुंचे। जहां पर ऑन ड्यूटी पुलिस सब इंस्पेक्टर नीरज शर्मा ने पुलिस दायित्वों का पालन करते हुए दोनों मासूम बच्चों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया।

वहीं इस पूरे मामले में एसपी ग्रामीण सत्यपाल सिंह बताते हैं कि इस तरह की परिस्थितियों में निराश्रित बच्चों के लिए पुलिस हर संभव सहयोग करती हैं और जो अनाथ बच्चे होते हैं उनको डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से चाइल्डलाइन संस्थाओं को सौंप दिया जाता है, जिनकी देखरेख और उनकी परवरिश संस्था के द्वारा की जाती है।