Site icon NamanBharat

AIIMS के डॉक्टरों ने किया कमाल, जन्म से जुड़ी जुड़वा बहनों को सर्जरी कर किया अलग, दिया जीवनदान

डॉक्टर भगवान का धरती पर दूसरा रूप है। अगर धरती पर डॉक्टर नहीं होते तो रोगियों का इलाज संभव नहीं था। मानव जीवन संकट में पड़ जाती। डॉक्टर कई सालों की पढ़ाई करते हैं फिर उसके बाद उन्हें डॉक्टर की डिग्री मिल जाती है, जिससे वह डॉक्टर बन जाते हैं जिसके बाद सभी व्यक्ति को अपने ज्ञान से उनकी बीमारी को अच्छी तरह से जानकर मरीज की अच्छी से दवाई देते हैं, जिससे मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं। डॉक्टर वह व्यक्ति होता है जो इंसान की जान बचाकर नई जिंदगी देता है।

इसी बीच दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने जुड़वा बच्चियों की सफल सर्जरी की है। जन्म से ही यह बच्चियां एक दूसरे से जुड़ी हुई थीं। ऐसे में उनको काफी परेशानी होती थी। डॉक्टरों ने 9 घंटे तक चली सर्जरी के बाद इनको अलग किया। इन दोनों बहनों का नाम रिद्धि-सिद्धि है। सर्जरी के बाद अब दोनों बहनों की जान खतरे से बाहर है।

आपको बता दें कि अंकुर गुप्ता और दीपिका गुप्ता बरेली के रहने वाले हैं। जब उन्हें यह पता चला कि उनके होने वाले जुड़वा बच्चे आपस में जुड़े हुए हैं, तो वह काफी डर गए। दोनों बहनें छाती और पेट के ऊपरी हिस्से के आपस में जुड़ी हुई थीं। यूं कहें कि एक जिस्म दो जान थीं। जुड़वा बहनों के बीच प्रमुख अंग साझा थे, जिनमें निचले छाती हृदय को ढकने वाली परतें, डायफार्म और पेट शामिल था।

इस सर्जरी में लीवर और हृदय के हिस्सों को अलग करना डॉक्टर के लिए सबसे ज्यादा चुनौती का काम था। अंकुर गुप्ता और दीपिका गुप्ता दिल्ली एम्स के डॉक्टरों पर भरोसा रखते हुए वह अपनी जुड़वा बेटियों के इलाज के लिए दिल्ली आ गए। जन्म से जुड़ी हुई बच्चियों को नई जिंदगी दी। जुड़वा बहनों का AIIMS दिल्ली के डॉक्टरों ने सर्जरी किया और उन्हें अलग-अलग किया है। सर्जरी के बाद दोनों स्वस्थ हैं।

पांचवे महीने में ही पता चल गया था कि बच्चियां जुड़ी हुई हैं

ऐसा बताया गया कि बच्चियां जब अपनी मां के गर्भ में थीं, तो पांचवे महीने में ही यह पता चल गया था कि दोनों बच्चियां आपस में जुड़ी हुई हैं। इन दोनों बच्चियों का जन्म दिल्ली के एम्स में ही हुआ। जब इन दोनों बच्चियों की उम्र 11 महीने की हुई तब इनको अलग अलग करने के लिए 11 जून को यह सर्जरी की गई थी। एम्स के सर्जनों की एक टीम करीब 9 घंटे तक रिद्धि-सिद्धि को नया जीवन देने के लिए लगे रहे।

आखिरकार 9 घंटे तक चली यह सर्जरी सफल हुई और दोनों बहनों को अलग अलग किया गया। इस दौरान किसी भी तरह की गलती ना हो इसका भी पूरा ख्याल रखा गया क्योंकि अगर छोटी भी गलती हो जाती तो दोनों की जान को बड़ा खतरा हो सकता था। अलग-अलग विभाग के डॉक्टर टीम इस सर्जरी को पूरा करने में शामिल हुए थे।

खुद हैं माता-पिता

रिद्धि-सिद्धि की सफल सर्जरी के बाद उनके माता-पिता काफी खुश हैं। इनके पिता अंकुर गुप्ता और मां दीपिका गुप्ता बरेली के हैं। पिता चप्पल की दुकान चलाते हैं। आजतक से बातचीत करते हुए बच्चियों के माता-पिता ने कहा कि उनको जब यह पता चला था कि बेटियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं, तो वह बहुत डर गए थे। लेकिन एम्स के डॉक्टरों ने उन्हें विश्वास दिलाया कि बच्चियों को अलग किया जा सकता है। 11 महीने तक यह बच्चियां आपस में जुड़ी हुई थीं। हम लोग जब उन्हें उठाते थे, तो बहुत ही ज्यादा परेशानी होती थी। दोनों बच्चियों को एक साथ उठाना पड़ता था। लेकिन सर्जरी के बाद यह दोनों बहने जुड़े हुए शरीर से अलग हो गई हैं और इन्हें देखकर अब ऐसा नहीं लगता है कि यह कभी जुड़ी भी हुई थी। पिता अंकुर गुप्ता का कहना है कि एम्स के डॉक्टरों ने उनकी दोनों बेटियों को नया जीवन दिया है। वह काफी खुश हैं।

 

 

 

 

Exit mobile version