“अगर न होते अमर सिंह तो मैं भी एक मामूली टैक्सी-चालक से अधिक न होता”, बोले अमिताभ, ऐसी है पूरी कहानी

राजनीती की दुनिया की बात करें तो भला अमर सिंह का नाम कौन भूल सकता है| अमर सिंह की बात करें तो इनकी पहुँच राजनीती के साथ साथ फ़िल्मी दुनिया और इससे लेकर व्यापारियों तक थी| लेकिन अब समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह से जुडी एक बुरी खबर आई है| महीने से पहले दिन 1 अगस्त,2020 को इस बड़ी शख्सियत ने दुनिया को अलविदा कह दिया| देहांत हो के और पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह ने शनिवार को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

पर ऐसा नहीं के इनके जाने के बाद इन्हें भुलाना इतना आसान होगा| अपने पीछे इन्होने ऐसी कई बाते छोड़ी हैं जो के बेवक्त चर्चाओं में बनी रहेगी| आज हम आपको इनके एक ऐसे ही वाकये के बारे में बताने जा रहे हैं| एक ऐसा ही वाकया है जब बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अम्र सिंह को लेकर कुछ बाते कही थीं| अमिताभ ने कहा था- “अगर अमर सिंह शुरुवाती दौर में साथ न होते, तो मैं कहीं पर टैक्सी चला रहा होता |”

इसके बाद एक वाकया साल 2016 का है जिसमे अमर सिंह “द सन्डे एक्सप्रेस” के एक इंटरव्यू में लाइव थे| उस वक्त वो बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से अपनी दोस्ती से जुडी कुछ बातें बता रहे थे| उन्होंने ने कहा के साथ न रहने वालों को मैं भी भूल जाता हूँ और समय है जो बीता तो वापस नहीं आता|

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उन्होंने बताया के अपने जीवन में बच्चन परिवार को मैंने 20 साल दिए हैं| उनके बच्चों पर मैंने अपनी बेटियों से अधिक ध्यान दिया है| उनके मुश्किल वक्त में मैंने उनका साथ निभाया है| घर नीलामी की कगार पर था और उनका जहाज जब डूब रहा था उस वक्त मैंने अमिताभ का साथ दिया है| और अमिताभ ने खुद इस बात को स्वीकारते हुए कहा है के अगर अमर सिंह उनके साथ न होते तो वो एक मामूली टैक्सी चालक होते|

पूर्व समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह साल 2016 में यह दावा किया कि उन्हें अमिताभ बच्चन ने खुद अपनी पत्नी जया को पार्टी में स्वीकार करने को लेकर आगाह किया था| और इसके साथ अमर सिंह उनके दोस्त हैं और उनसे अपनी बातें कहने का पूरा हक़ है ऐसा भी अमिताभ ने कहा था|

कुछ वक्त पहले की यह बात है जब अमर सिंह ने फरवरी में एक विडियो जारी करके अमिताभ बच्चन से माफ़ी मांगी थी | बात उस वक्त की है जब सिंगापुर में अपना इलाज करावा रहे थे| उनहोंने कहा के- “ आज हमारी दोस्ती को 10 साल बीत चुके हैं लेकिन अमिताभ जी की निरंतरता में कोई कमी आज भी नहीं आई है| फिर चाहे मेरे जन्मदिन जैसा शुभ अवसर हो या पिताजी की बरसी जैसी मुश्किल घडी, अमिताभ जी पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निर्वहन करते मुझे नजर आये हैं| ऐसे में मैं उस इंटरव्यू में में अपने अधिक उग्र स्वाभाव के लिए बच्चन साहब के सामने शर्मिंदा हूँ|

60 वर्षों की उम्र लगभग जीवन संध्या होती है। अमर सिंह आज मुझे खुद लग रहा है के मैं जिंदगी और मौत से लड़ रहा हूँ| उन्होंने साथ में कहा के मुझे ऐसा सार्वजनिक रूप से नहीं कहना चाहिए था| साथ ही वो मुझसे उम्र में बड़े भी हैं| ऐसे में मुझे वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए था और ऐसे में अपने कटु वचन के लिए मैं खेद प्रकट करता हूँ|”