इस पुलिसवाले के नेक काम को सलाम, वेतन से 10 हज़ार बचाकर जरूरतमंदों के लिए रोटी का कर रहा इंतजाम

देशभर में ऐसे बहुत से नेक दिल इंसान है जो हमेशा जरूरतमंद और गरीब लोगों की सहायता के लिए सामने आते हैं। वैसे देखा जाए तो इंसान कभी भी जेब से अमीर या गरीब नहीं होता है। अगर किसी इंसान का दिल बड़ा है और वह जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए हमेशा से तैयार रहता है तो उससे बड़ा कोई अमीर नहीं है। बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपनी हैसियत के अनुसार दान-धर्म जैसे कार्य करते रहते हैं। इस दुनिया में ऐसे भी लोग रहते हैं जो महीने लाखों-करोड़ों रुपए कमाते हैं, परंतु वह कभी भी जरूरतमंद लोगों की सहायता नहीं करते हैं।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भले ही मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं परंतु जरूरतमंद और गरीब लोगों को देखकर उनका दिल पसीज जाता है और उनकी सहायता के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही नेक दिल इंसान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो हर महीने अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा गरीबों की सहायता में खर्च करता है।

ये पुलिसवाला अपने वेतन से पैसे बचाकर गरीबों की करता है मदद

हम आपको जिस शख्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, वह पार्वतीपुरम नगर पुलिस स्टेशन में तैनात हेड कांस्टेबल कृष्ण मूर्ति हैं। यह श्रीकाकुलम जिले के वीरगट्टम मंडल के कोट्टुगुमदा गांव के निवासी हैं। हेड कॉन्स्टेबल कृष्ण मूर्ति अपने कस्बे के साथ-साथ आस-पास के गांव में रहने वाले जरूरतमंद और गरीब लोगों को राशन और कपड़े मुहैया करवाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि सर्दियों के मौसम में बुजुर्ग लोगों में यह कंबल भी बांटते हैं। अपने वेतन से पैसे बचाकर हर महीने यह जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं।

वेतन का एक हिस्सा गरीबों में करते हैं खर्च

आपको बता दें कि हेड कॉन्स्टेबल कृष्णमूर्ति की मासिक आमदनी ₹45000 रुपये है। अपने वेतन में से यह हर महीने ₹10000 रुपये बचा कर गरीबों की सहायता के लिए अलग कर लेते हैं। कृष्ण मूर्ति ने पिछले 2 महीनों में अपने आसपास के गांवों और पार्वती पुरम में लगभग 60 कंबल बांटे हैं।

दादा-दादी से मिली थी प्रेरणा

मीडिया से बातचीत के दौरान हेड कॉन्स्टेबल कृष्ण मूर्ति ने यह बताया था कि मुझे इस नेक काम की प्रेरणा अपने दादा-दादी से मिली थी क्योंकि मैंने अपने दादा-दादी को बचपन में जरूरतमंदों और गरीबों की सहायता करते हुए देखा था। वैसे मैंने इस नेक काम की शुरुआत पुलिस डिपार्टमेंट ज्वाइन के करने के बाद की है।

2017 से यह नेक काम कर रहे हैं

हेड कांस्टेबल कृष्ण मूर्ति का ऐसा कहना है कि वह हर महीने ऐसे 30 लोगों को चुनते हैं जिन लोगों को राशन और कपड़ों की ज्यादा से ज्यादा जरूरत होती है। फिलहाल, सर्दियों का मौसम बढ़ता ही जा रहा है। ऐसी स्थिति में कृष्ण मूर्ति का सबसे पहला मकसद यही है कि वह गरीब और बेघर लोगों को गर्म कपड़े मुहैया कराएं। खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि वर्ष 2017 से कृष्ण मूर्ति गरीबों की सहायता में जुटे हुए हैं। इस नेक कार्य के लिए वह हर महीने अपनी सैलरी में से ₹10000 अलग से निकाल लेते हैं और इन पैसों को जरूरतमंदों और गरीबों में खर्च करते हैं। इनके इस नेक काम को हम सलाम करते हैं।