बिक गई अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी ये कंपनी, जानिए कौन होंगे अब नए मालिक

कारोबार जगत में उद्योगपति अनिल अंबानी का एक प्रसिद्ध चेहरा है लेकिन भारी कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की बड़ी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी अब उनकी नहीं रही बल्कि अब किसी और की हो गई है। जी हां, मुंबई के उद्योगपति निखिल वी. मर्चेंट के नाम अब रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी होने वाली है।

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) को पिपावाव शिपयार्ड (Pipavav Shipyard) के नाम से भी जाना जाता है। सोमवार को उद्योगपति निखिल भी मर्चेंट ने नीलामी प्रक्रिया में सबसे ज्यादा बोली लगाकर उन्होंने बिड जीत लिया।

आपको बता दें कि एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि सोमवार के दिन उद्योगपति निखिल मर्चेंट और उनके पार्टनर्स की तरफ से समर्थित कंसोर्टियम हेजल मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड (Hazel Mercantile Pvt Ltd) ने तीसरे राउंड के दौरान सबसे ज्यादा बोली लगाई जो बाकियों से बहुत अधिक है। अधिक बोली लगाकर अधिग्रहण की दौड़ में सबसे आगे निकल गए।

बता दें कि पिछले ही महीने कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (COC) ने इस नीलामी की प्रक्रिया में जो भी कंपनियों द्वारा भाग लिया जा रहा था, उनसे बातचीत की गई थी और इस दौरान बातचीत कर कुछ प्रस्तावों की मांग की गई थी, जिसके बाद हेजल मर्केंटाइल ने शिपयार्ड के लिए अपनी बोली को संशोधित कर 2700 करोड रुपए कर दी गई। इससे पहले इसके द्वारा 2400 करोड़ रुपए की बोली लगाई गई थी परंतु बाद में इसे बढ़ाकर 2700 करोड़ रूपए कर दी गई।

रिलायंस नेवल ला लीड बैंक आईडीबीआई बैंक (IDBI) है, जिसके नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड को कर्जा दिया था। आईडीबीआई बैंक के द्वारा पिछले साल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की अहमदाबाद शाखा में कंपनी से कर्ज वसूली के लिए मामला दायर किया गया था। रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) कंपनी पर करीब 12,429 करोड रुपए का कर्जा है, जिसको आईडीबीआई बैंक चाहती थी कि वह वसूल करे।

बता दें कि रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड ने जिन बैंकों से कर्जा लिया हुआ है उसमें एसबीआई का 1965 करोड रुपए हैं। वहीं अगर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की बात करें तो इसका बकाया 1555 करोड़ रूपए है।

दरअसल, पिछले ही दिनों मशहूर बिजनेसमैन अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेवल (Reliance Navel) के लिए तीन बोलियां लगाई गई थीं, जिनमें से एक दुबई स्थित एनआरआई समर्थित कंपनी थी, जिसने केवल 100 करोड रुपए की बोली लगाई थी। वहीं अगर हम दूसरी बोली की बात करें तो यह बोली स्टील टाइकून नवीन जिंदल के द्वारा लगाई गई थी, इसकी इस बोली की रकम 400 करोड़ रुपए थी। लेकिन इन दोनों से ही सबसे ज्यादा बोली लगाकर निखिल वी. मर्चेंट अधिग्रहण की दौड़ में सबसे आगे निकल गए, उन्होंने बाजी जीत ली

मालूम हो कि रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) का नाम पहले रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड था। अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने इस कंपनी को साल 2015 में पिपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग लिमिटेड का ग्रहण किया था। इसका इसके बाद नाम बदलकर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कर दिया गया। अनिल अंबानी के अधिग्रहण से पहले नौसेना ने साल 2011 में पाँच युद्धपोतों के विनिर्माण के लिए इस कंपनी के साथ एक डील की थी। तब निखिल गांधी इस कंपनी के मालिक थे।