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अशोकनगर के किसान ने दिखाई दरियादिली, स्कूल के लिए जगह थी कम, दान में दे दी 25 लाख की जमीन

स्कूल वह जगह होती है जहां पर जाकर हम ज्ञान प्राप्त करते हैं। स्कूल को मंदिर की उपमा दी गई है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं हम सभी के लिए शिक्षा बहुत ही जरूरी है। स्कूल में जाकर हम शिक्षा प्राप्त करते हैं। शिक्षा वह अस्त्र है, जिसकी सहायता से बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का भी सामना कर सकते हैं। शिक्षा से ही हमें सही गलत का भेद पता चलता है। हर किसी के जीवन में शिक्षा बहुत उपयोगी है।

शिक्षा मनुष्य को सशक्त बनाती है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का कुशलता से सामना करने के लिए तैयार करती है। वैसे देखा जाए तो मौजूदा समय में भी ऐसे कई इलाके हैं, जहां पर स्कूलों की कमी होने की वजह से बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाती है। सरकार के द्वारा भी स्कूलों का निर्माण कराने पर कार्य किया जा रहा है परंतु किसी ना किसी वजह से बाधा उत्पन्न हो जाती है।

अब इसी बीच मध्यप्रदेश के अशोकनगर से एक खबर सामने आई है, जहां के रहने वाले किसान बृजेंद्र सिंह रघुवंशी ने अपने क्षेत्र के आसपास के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसलिए उन्होंने अपनी बेशकीमती जमीन शासन को दान करने का निर्णय ले लिया है।

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह पूरा मामला अशोकनगर से 30 किलोमीटर दूर महिदपुर गांव से जुड़ा हुआ है। यहां सीएम राइज स्कूल स्वीकृत हुआ था, लेकिन इसके लिए लगभग 10 बीघा जमीन की जरूरत सरकार को थी। मौके पर कुल 6 बीघा जमीन ही निकली, जिसकी वजह से प्रशासन ने इस स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट करने का मन बना लिया।

जैसे ही यह खबर महिदपुर गांव के किसान बृजेंद्र सिंह रघुवंशी तक पहुंची तो उन्होंने यह तय कर लिया कि कुछ भी करके स्कूल को अपने गांव से नहीं जाने देंगे और उन्होंने तत्काल अपनी 4 बीघा जमीन शासन को दान करने की घोषणा कर दी। उनकी इस जमीन की कीमत 25 लाख रुपए बताई जा रही है। बृजेंद्र सिंह रघुवंशी ने बिना देरी किए हुए प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की और सरकारी जमीन से सटी हुई अपनी 4 बीघा जमीन स्कूल के लिए मुफ्त देने की पेशकश की।

आपको बता दें कि बृजेंद्र सिंह रघुवंशी को दरियादिली विरासत में मिली है। दरअसल, ग्रामीण बृजेंद्र सिंह रघुवंशी के पिता स्वर्गीय नथन सिंह रघुवंशी गांव में 40 वर्षों तक सरपंची संभाल चुके हैं। उनके कार्यकाल में स्वयं की जमीन पर स्कूल, सोसाइटी, पंचायत भवन बनाए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी दो बीघा जमीन में गांव के निर्धन लोगों के लिए मकान भी तैयार कराए गए हैं। नथन सिंह रघुवंशी ने भी कुछ इसी तरह स्कूल के लिए अपनी जमीन दान में दे दी थी।

बृजेंद्र सिंह रघुवंशी के द्वारा स्कूल के लिए जमीन देने की पेशकश के बाद जिला प्रशासन अपने काम में जुट गया है। उम्मीद है कि जल्द ही बृजेंद्र के गांव को एक नया स्कूल मिल जाएगा। किसान बृजेंद्र सिंह रघुवंशी का ऐसा कहना है कि शिक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। मैं भी गांव से शहर जा कर पढ़ाई करता था इसलिए मुझे पता है कि शिक्षा का महत्व क्या होता है। लेकिन शासन की इतनी बड़ी योजना का लाभ हमारे ही गांव में हमारे ही बच्चों को मिलेगा, इसके लिए मेरे द्वारा यह निर्णय लिया गया है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं मेरे पिताजी के पद चिन्हों पर अग्रसर हूं।

 

 

 

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