कब है चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्यौहार का विशेष महत्व माना गया है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की अलग-अलग दिन पूजा-आराधना की जाती है। इस बार 2 अप्रैल 2022 से चैत्र माह के पवित्र नवरात्रि शुरू हैं। नवरात्रि के दौरान अगर विधि-विधान पूर्वक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और उपासना की जाए, तो इससे माता रानी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन की सारी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं।

ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान दुर्गा माता की भक्ति और उपासना करने से मानसिक चिंता दूर हो जाती है और मन पवित्र होता है। इतना ही नहीं बल्कि भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का खास महत्व बताया गया है।

कन्या पूजन के दौरान 2 साल से 11 साल की बच्चियों की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि अलग-अलग रूप की कन्याएं देवी के अलग-अलग स्वरूप को दर्शाती हैं। ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन कब है? शुभ मुहूर्त और कन्या पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

जानिए दुर्गाष्टमी, कन्या पूजन शुभ मुहूर्त

यह बात हम सभी लोग तो भली-भांति जानते हैं कि नवरात्रि के पवित्र दिनों में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस बार 9 अप्रैल को अष्टमी की तिथि पड़ रही है। इसे महाअष्टमी भी कहा जाता है। 8 अप्रैल की रात्रि 11:05 बजे से अष्टमी तिथि की शुरुआत हो रही है। इसके साथ ही अष्टमी तिथि का समापन 9 अप्रैल की देर रात्रि 1:30 बजे पर होगा।

आपको बता दें कि इस दिन 6:02 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा और 11:25 बजे से 11:58 बजे तक सुकर्मा योग दिन में है। दिन का मुहूर्त 11:58 बजे से 12:48 बजे तक है। इस शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं।

राम नवमी 2022

आपको बता दें कि चैत्र शुक्ल नवमी को रामनवमी कहा जाता है। इस दिन भी कन्या पूजन किया जाता है। अगर हम पंचांग के अनुसार देखें तो 10 अप्रैल की रात 1:23 बजे से नवमी तिथि आरंभ हो रही है, जो 11 अप्रैल की प्रातः 3:15 बजे तक है।

इस दिन सुकर्मा योग दोपहर 12:04 बजे तक है। इसके अलावा इस दिन रवि पुष्य योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। ऐसी स्थिति में इस दिन सुबह से ही कन्या पूजन किया जा सकता है।

जानिए कन्या पूजन की विधि क्या है

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बहुत अधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने से मां दुर्गा जल्द प्रसन्न होती हैं। नवरात्रि के दिनों में छोटी कन्याओं को निमंत्रण देकर घर बुलाया जाता है और पैर धो कर विधिवत तरीके से भोजन कराकर दक्षिणा देने की परंपरा है। महाष्टमी या फिर नवमी के दिन कन्या पूजन करना अच्छा माना जाता है इसलिए कन्या पूजन के लिए के एक दिन पहले कन्याओं को आमंत्रण देना चाहिए।

इसके बाद कन्या को घर में पधारने पर उनके चरणों को ठीक प्रकार से दूध और पानी मिलाकर धोना चाहिए। इसके बाद उनके पैरों को साफ कपड़े से पोंछकर साफ जगह पर बैठाना चाहिए। इसके बाद आप कन्याओं के माथे पर रोली, कुमकुम के साथ अक्षत का टीका लगाएं। फिर उनके हाथ में मौली बांधे और उन्हें आप चाहे तो चुनरी भी डाल सकते हैं।

इसके बाद आप मां दुर्गा का ध्यान करके देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं। भोजन में आप हलवा, पूड़ी, चने, दही, जलेबी या फिर अपनी श्रद्धा के अनुसार कुछ भी खिला सकते हैं। भोजन के बाद कन्याओं को सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा या उपहार दीजिए और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लीजिए।