Strange Facts: यदि नहीं रहेगी मधुमक्खी तो ख़त्म हो जाएंगे पृथ्वी पर इंसान, जानिए कैसे?

हमारी धरती पर जिस प्रकार इंसानों की जीवन मृत्यु का चक्र प्राकृतिक घटना है उसी प्रकार सारे जीव जन्तु का जीवन चक्र भी एक प्राकृतिक घटना है. दिक्कत तब होती है जब इन प्राकृतिक घटनाओं में हेर फेर हो जाए. अगर कोई भी जीव विलुप्त होती है तो यह खतरे की घंटी है. ऐसा ही देखने को मिला है बहुत सारे जीवों के साथ और अब इस सूची में मधुमक्खियों का भी नाम जुड़ने लगा है. आइए जानते है इसके क्या परिणाम हो सकते है.

हाल ही की रॉयल ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ लंदन में कहा कि मधुमक्खी हमारी पृथ्वी पर सबसे अमूल्य प्राणी होती हैं. वैज्ञानिक और वन्य जीव विशेषज्ञ ऐसा कहते हैं कि “मधुमक्खियां उन प्रजातियों की सूची में शामिल हो जाएंगी जो निकट भविष्य में विलुप्त होने के कगार पर हैं.” अगर ऐसा हो जाता है तो यह भी संभावना है कि आने वाले समय में मनुष्य जाति पर भी इसके भयानक परिणाम की गाज गिरे.

बता दे की मधुमक्खियों को अन्य किसी भी जीव से रिप्लेस नहीं किया जा सकता है. इस ग्रह पर मधुमक्खियों ही है जो फूलों और पौधों पर सामंजस्य स्थापित करते है और इसी वजह से धरती पर ज़िन्दगी चल रही है. अगर मधुमक्खियों ना रहे तो ना तो फूल होंगे ना पोेधे और ना ही पेड़ ऐसे में मानव जीवन ही असंभव है.

हालांकि धरती पर मधुमक्खियों की करीब 20, 000 से भी ज़्यादा प्रजातियाँ पाई जाती हैं लेकिन फिर भी, उन मधुमक्खियों में से अधिकतर हीव्स में नहीं रहा करती हैं. वे नए प्रकार के पौधों के लिए पर्याप्त नहीं होती हैं. खाद्य फसलें में से करीब 75% खाद्य फसलें जिनमें बीज और फलों का उत्पादन होता है, उन पर मधुमक्खियों की वजह से ही परिणाम मिलता है और असर पड़ता है. इस धरती पर पौधों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती है इसके लिए मधुमक्खियां ही उत्तरदायी होती हैं.

बहरहाल संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, “मधुमक्खी की आबादी में गिरावट से कॉफी, कोको, बादाम, टमाटर और सेब जैसे कुछ फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.” नुकसान यही तक नहीं है, मधुमक्खियों से मिलने वाले शहद का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है. वर्ष 2009 के आंकड़ों के मुताबिक मुख्य शहद उत्पादक देशों की बात करें तो उनका कुल निर्यात 200 बिलियन से भी अधिक है. यह व्यापार के लिहाज से भी बहुत कठिन समय की ओर इशारा करता है. सरकार और किसानों को मधुमक्खियों के निवास का संरक्षण करना किए और सभी को मिलकर परिस्थिति को मनुष्य जाति एवं अन्य जीव जंतुओं के लिए अनुकूल बनाना चाहिए.