CM से पढ़ाई की गुहार लगाने वाला बच्चा सोनू खुद 30 बच्चों को पढ़ाता है ट्यूशन, लेता है 100 रूपए फीस

शिक्षा एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो हर किसी के जीवन में बहुत उपयोगी है। शिक्षा वह अस्त्र है, जिसकी सहायता से बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं। वह शिक्षा ही होती है, जिससे हमें सही गलत का भेद पता चलता है। इसी बीच बिहार के नालंदा जिले के नीमा कोल निवासी एक शख्स रणविजय यादव का 12 वर्षीय बेटा सोनू आजकल सुर्खियों का विषय बना हुआ है।

दरअसल, सोनू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पढ़ाई करने के लिए मदद की गुहार लगाई थी, जिसका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। सोनू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने अपनी पढ़ाई और शराबबंदी के बावजूद पिता के शराब पीने की बात उठाई। सोनू छठी क्लास में पढ़ाई करता है और यह पढ़ लिखकर आईएएस बनना चाहता है लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते वह प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ सकता।

सोनू की पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी को इससे भी समझा जा सकता है कि वह गांव में ही अपने हमउम्र को पढ़ाता भी है। जब किसी भी प्रश्न का बेझिझक जवाब देने वाले सोनू का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ तो उसे देखने के बाद बहुत से लोग उसकी सहायता के लिए सामने आ रहे हैं। सोनू के पिता दूध बेचने का काम करते हैं तो माता लीला देवी निरक्षर हैं। ग्रामीण का ऐसा कहना है कि सोनू बचपन से ही तेज तर्रार है।

CM नीतीश कुमार से लगाई थी पढ़ाई के लिए मदद की गुहार

आपको बता दें कि सीएम नीतीश कुमार हरनौत के दौरे के क्रम में लोगों से मिल रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई लोगों की समस्याएं सुनीं। इसी दौरान सोनू भीड़ से आगे बढ़कर मुख्यमंत्री से कहता है “सर! सुनिए न प्रणाम…” अब सीएम नीतीश कुमार ने भीड़ से आई एक बच्चे की आवाज सुनी तो वह भी चौंक गए थे। जब नीतीश कुमार की नजरे बच्चे की तरफ गई तो बच्चा (सोनू) मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर कहने लगा “सर, सुनिए न..प्रणाम, हमको पढ़ने के लिए हिम्मत दीजिए… गार्जियन नहीं पढ़ाते हैं। पापा दही की दुकान से जो भी कमाते हैं उसे शराब पीने में लगा देते हैं। मेरा एडमिशन करा दीजिए।”

आईएएस बनना चाहता है सोनू

उसने कहा कि अगर सरकार मदद करें तो वह पढ़ लिखकर आईएएस, आईपीएस बनना चाहता है। सोनू ने सीएम नीतीश कुमार से कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षा की स्थिति बद से बदतर है। इसके बाद मुख्यमंत्री तत्काल उपविकस आयुक्त को उसकी आगे की पढ़ाई का जिम्मा सौंप देते हैं।

भारतीय प्रशासनिक सेवा का अफसर बनने का ख्वाब देखने वाले सोनू मदद के लिए मिल रहे ऑफर से खुश तो है, लेकिन उसने कहा है कि उसे इस तरह की मदद अफसर बनने तक चाहिए।

100 रुपए मासिक लेकर 30 बच्चों को पढ़ाता है ट्यूशन

सोनू ने कहा कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों में योग्यता की कमी है। उन्हें जानकारी कम है। इस वजह से सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाता हूं। सोनू ने बताया कि वह यूट्यूब के जरिए आगे की पढ़ाई पूरी कर चुका है। सोनू की दिलचस्पी सभी विषयों में है। सोनू ने बताया कि उससे सीखने के लिए 30 बच्चे आते हैं, जिनसे वह प्रति माह के हिसाब से 100 रुपए लेता है। इससे उन बच्चों की पढ़ाई हो जा रही है और मुझे भी आर्थिक मदद मिल जाती है।