नींव की खोदाई करते समय निकली शेषनाग की शैय्या पर विश्राम करते भगवान विष्णु की मूर्ति, देखने को उमड़ी भीड़

देश-दुनिया से आए दिन कोई ना कोई ऐसी खबर निकल कर सामने आ ही जाती है, जिसको जानने के बाद हर कोई सोच विचार में पड़ जाता है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद से एक खबर सामने आई है। दरअसल, यहां स्योहारा (बिजनौर) करुणा निधान आश्रम में पिलर के लिए नींव की खुदाई की जा रही थी। उसी दौरान जमीन से भगवान श्री विष्णु जी की मूर्ति निकल आई। मूर्ति देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई। शेषनाग की शैय्या पर विश्राम की मुद्रा में भगवान विष्णु जी की मूर्ति को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

आपको बता दें कि गांव रामपुर किसना में भूड़ वाले करुणा निधान आश्रम है। यहाँ निर्मोही अखाड़ा के बाबा केसरी दास जी महाराज सेवा स्थान पर रहते हैं। आश्रम में भगवत कथा का आयोजन चल रहा है। पीपल के पेड़ के नीचे आश्रम की स्थापना करने वाले महाराज की मूर्ति लगी है। बाबा केसरी दास महाराज के द्वारा ऐसा बताया गया कि मूर्ति पर छाया करने के लिए चार पिलर खड़े किए जाने थे जिसके लिए नींव की खुदाई का कार्य कराया जा रहा था।

भगवान विष्णु तथा उनके चरण दबाती देवी लक्ष्मी जी की दिखाई दी मूर्ति

प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार के दिन शाम 4:00 बजे नींव की खुदाई का कार्य हो रहा था। उसी समय खोदते वक्त फावड़ा किसी ठोस चीज से टकरा गया, जिसके बाद कौतूहल बढ़ा। जब फावड़ा किसी ठोस चीज़ से टकराया तो इसके बाद हाथों और हल्के औजारों से खुदाई की जाने लगी।

खुदाई करते करते करीब 5 फीट नीचे शेषनाग की शैय्या पर विश्राम करते भगवान विष्णु जी तथा उनके चरण दबाती देवी लक्ष्मी जी की मूर्ति नजर आई। जैसे ही जमीन से भगवान विष्णु जी की मूर्ति निकलने की जानकारी लोगों को मालूम हुई तो यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई और देखने वालों की भारी भीड़ जुट गई।

370 वर्ष पहले यह गांव का था देव स्थान

बाबा केसरी दास महाराज ने बताया कि यह सिद्ध क्षेत्र है। यहां शक्तियों का लगातार प्रवास और कृपा रहती है। ग्रामीण राजवीर सिंह, संजीव कुमा,र चौधरी सोमपाल सिंह, मस्त राम सिंह, राम अवतार सिंह, शीशपाल सिंह, शीशराम राजेश मकनपुर आदि के द्वारा ऐसा बताया गया कि 370 वर्ष पहले यह गांव का देव स्थान था, जहां विशेष अवसरों पर पूजा की जाती थी। साल 1995 में यहां बाबा प्रेमदास जी महाराज आए।

उन्होंने कुटिया बनाई। उनके 2005 में शरीर त्यागने के बाद 2006 में नागा बाबा केसरी दास जी महाराज ने यहां पर आश्रम बनाया। मंदिर का निर्माण कराया। बाबा की समाधि के पास राम दरबार की मूर्तियां लगवाई गईं। 2 साल पहले बाबा प्रेमदास जी की मूर्ति पीपल के पेड़ के नीचे बनवा कर लगाई गई थी।

अब उस पेड़ पर शेड लगाने के लिए चार पिलर बनाने के लिए खुदाई का कार्य कराया जा रहा है। जब खुदाई का काम चल रहा था, तो उसी समय जमीन से लगभग पांच फीट नीचे शेषनाग की शैय्या पर विश्राम करते भगवान विष्णु तथा उनके चरण दबाती देवी लक्ष्मी जी की मूर्ति निकली है। अब इसे देखने के लिए लोगों का तांता लग गया।