CA जैसी मुश्किल परीक्षा में इस भाई-बहन ने कर दिखाया कमाल, एक बनी भारत की टॉपर तो दूसरेको मिला 18वां रैंक

कहा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के लिए हमेशा दुआ करते है कि वह अच्छी जगह सेटल हो जाए और खूब नाम कमाया और खूब तरक्की करे. कई माता पिता का सपने बच्चे पूरा नहीं कर पाते है वहीं कई ऐसे बच्चे होते है जो दिन रात मेहनत करते है और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहते है. ऐसे बच्चे अपना भी सपना पूरा कर पाते है और साथ ही मां बाप का भी नाम रोशन करते है. मगर तब क्या हो जब माता पिता के दोनो संतान देश भर में अपना नाम रोशन कर दे. ऐसा ही देखने को मिला है मध्यप्रदेश के एक भाई बहन की जोड़ी से. दोनो ने भारत के सबसे कठिन परीक्षा को टॉप किया है और नाम रोशन किया है. आइए पूरी खबर जानते है.

दरअसल पिछले दिनों ही सीए परीक्षाओं का फाइनल परिणाम घोषित हुआ है. परीक्षा में लाखों लोग बैठे थे मगर इस परीक्षा को बहुत कम लोग ही पास कर पाए है. बता दे कि सीए का एग्जाम बहुत कठिन होता है. दिलचस्प बात है कि मध्यप्रदेश के मुरैना निवासी 19 वर्षीय नंदिनी अग्रवाल ने इस परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया है. वहीं जहा नंदिनी ने देश मे प्रथम स्थान प्राप्त किया है वहीं दूसरी ओर इनके भाई 21 वर्षीय सचिन अग्रवाल ने ऑल इंडिया में 18वीं रैंक प्राप्त की है. भाई बहन के इस प्रदर्शन से उनका गुण गान पूरे देश में किया जा रहा है.

वहीं अगर रिजल्ट की बात करे तो नंदिनी ने पूर्णांक 800 में से 614 अंक प्राप्त किया थे और सचिन ने 800 में से 568 अंक हासिल किये हैं. बता दे की मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन दोनों भाई बहन को भी उनकी सफलता के लिए बधाई दी है. उन्होंने ट्विटर के माध्यम से बधाई दी है. बता दें कि नंदिनी अपने भाई से उम्र में दो साल छोटी हैं. लेकिन बचपन में दो क्लास का प्रोमोशन पा जाने के कारण नंदिनी और सचिन क्लासमेट भी थे. नंदिनी ने बताया कि वह दोनों एक दूसरे का साथ देते थे और साथ ही पढ़ते थे.

गौरतलब है कि उनकी इंटरव्यू के दौरान सचिन ने बताया कि वे नंदिनी को अपनी प्रेरणा स्त्रोत मानते है. उनका कहना है कि उन्होंने नंदिनी को देख कर ही पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया. वहीं दूसरी ओर नंदिनी ने अपने भाई सचिन को अपना मोटिवेटर मानती है. बता दे कि उनके पिता भी एक टैक्स इंस्पेक्टर है वहीं माता गृहणी है. जानकारी के लिए बता दें कि आईएस के बाद सीए ऐसी दूसरी परीक्षा मानी गई है जोकि क्लियर करनी काफी कठिन होती है. इसके लिए बहुत से बच्चे हर साल मेहनत करते हैं. लेकिन नंदिनी और सचिन की उपलब्धि देख कर यह साफ़ ज़ाहिर है कि दोनों ने अपने इस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए कितनी मेहनत की होगी. इन दोनों भाई-बहन की जोड़ी को आज पूरा देश सलाम कर रहा है.