चाणक्य नीति: इन 5 चीजों से जितना दूर रहें उतना ही भला वरना जीवन बन सकता है नर्क

आचार्य चाणक्य अपने जमाने के एक महान विद्वान थे। उन्होंने चाणक्य नीति नामक एक पुस्तक लिखी थी, जिसमें मनुष्य के जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी बातों के बारे में बताया गया है। अगर व्यक्ति इन बातों पर ध्यान देता है तो वह अपने जीवन की कई परेशानियों से बच सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में सामाजिक कल्याण और व्यक्ति विशेष के लिए कई ज्ञानवर्धक बातें बताई हैं, जो हमारे दैनिक जीवन में बहुत काम आ सकती है और यह सभी बातें हमारे लिए बहुत कारगर साबित भी होती है।

आजकल के समय में भी आचार्य चाणक्य द्वारा बनाई गई नीतियां जीवन में बेहद काम आती हैं। इंसान के अंदर क्या खूबियां क्या होनी चाहिए, उसे कैसा होना चाहिए, उसके आसपास का वातावरण किस प्रकार का होना चाहिए, किस प्रकार के लोगों और कैसी चीजों से दूर रहना चाहिए इन सभी बातों का जिक्र उन्होंने अपनी नीतियों में किया है। आज हम आपको आचार्य चाणक्य अनुसार ऐसी पांच चीजों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो मनुष्य का जीवन नर्क के समान बना सकती हैं। इसलिए इन चीजों से जितना दूर रहें उसी में भलाई होगी। तो चलिए जानते हैं आखिर यह पांच चीजें क्या है?

अत्यधिक क्रोध करना

अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक गुस्सा करता है तो वह अपने जीवन में कभी भी खुश नहीं रह सकता है। ऐसा व्यक्ति हमेशा दुखी और परेशान रहता है। उसका स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है। अपने गुस्से की वजह से व्यक्ति अपनों को दूर कर देता है। इंसान का गुस्सा उसके जीवन को नर्क की तरह बना देता है। इसलिए गुस्से पर काबू रखना चाहिए। आप गुस्सा करने से जितना बचें उतना ही अच्छा होगा।

सगे संबंधियों से बैर रखना

इंसान जन्म से ही किसी ना किसी रिश्ते में बंधता चला जाता है। अगर इंसान रिश्तो के महत्व को नहीं समझ पाता है तो उसका जीवन नर्क के समान बन जाता है। अगर हमारे जीवन में संबंधी और रिश्तेदार ना हो तो जीवन जीने का मजा बिल्कुल भी नहीं आएगा। रिश्ते की वजह से ही हम अपना जीवन आनंद पूर्वक व्यतीत कर पाते हैं। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपने सगे संबंधियों से हमेशा बैर दुश्मनी रखते हैं और यह अपने ही करीबियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगे रहते हैं लेकिन इसकी वजह से खुद को ही नुकसान का सामना करना पड़ता है।

नीच व्यक्तियों की संगति

अगर कोई व्यक्ति नीच लोगों की संगति में है तो इसकी वजह से उसका जीवन नर्क बन जाता है। बुरी संगति की वजह से हमेशा बुरे परिणाम ही मिलते हैं। अगर आप बुरी आदतों वाले व्यक्तियों के बीच में रहेंगे तो आपकी आदतें भी बुरी हो जाएँगी। बुरी संगति में रह-रहकर इंसान सही और गलत की पहचान नहीं कर पाता है। आचार्य चाणक्य अनुसार इंसान को हमेशा बुरी संगति से दूर रहना चाहिए। नीच लोगों की संगति में आप बिल्कुल भी ना रहें।

कड़वी वाणी बोलना

अगर किसी इंसान की जुबान कड़वी है तो उसको अपनी जुबान की वजह से बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कड़वी जुबान वाले लोगों से अन्य लोग हमेशा दूरी बनाकर रखना पसंद करते हैं। आचार्य चाणक्य अनुसार कड़वी जबान इंसान के संस्कार को बताती है। इसी वजह से किसी से बात करते हुए आप अपनी वाणी को मधुर रखें। मधुर वाणी से ही आप लोगों का दिल जीत सकते हैं।

दरिद्रता का वास

अगर किसी व्यक्ति के घर में दरिद्रता का वास है तो वह अपने जीवन में कभी भी खुश नहीं रह पाता है। इस तरह के लोग हमेशा परेशान रहते हैं। दरिद्रता नर्क के समान होती है। आचार्य चाणक्य अनुसार दरिद्रता का वास होने से इंसान अपराध की तरफ चला जाता है। इसलिए दरिद्रता को दूर करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। अगर दरिद्रता है तो इसकी वजह से इंसान का जीना ना जीने के बराबर माना गया है।