बालाजी मंदिर से चोरी हुई बेशकीमती मूर्तियां लौटा गया चोर, चिट्ठी में लिखा- सपने में आते हैं भगवान, डर लगता है…

अक्सर हम सभी लोग चोरी चकारी जैसी घटनाओं के बारे में सुनते रहते हैं। चोरी एक अपराध है। किसी को भी छोटी चोरी भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि छोटी-छोटी चोरी की आदत आगे चलकर बड़ी बन जाती है और फिर व्यक्ति एक अपराधी बन जाता है। अक्सर देखा गया है कि चोरी करने के बाद चोर सारा सामान बेच देते हैं या फिर खुद रख लेते हैं। क्या आप सभी लोगों ने कभी ऐसा सुना है कि चोरों ने कोई चीज चुराई हो और वह फिर चोरी किया गया सामान वापस लौटा दिया? इतना ही नहीं बल्कि सामान लौटाने के साथ ही चोरों ने माफी भी मांगी।

जी हां, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। बहुचर्चित बालाजी मंदिर से लाखों की मूर्ति चोरी के मामले में नया मोड़ आया है। दरअसल, चोरी करने के बाद चोरों ने चुराई गई मूर्ति को वापस लौटा दिया और वह भी माफी मांगते हुए पत्र के साथ। ऐसा इसलिए कि चोरों को डरावना सपना आने लगा था। भले ही यह बात सुनने में आपको थोड़ी अजीब लग रही होगी परंतु यह मामला सच है।

बात दें यहां के सदर कोतवाली क्षेत्र के तरौंहा स्थित ऐतिहासिक बालाजी मंदिर से चोरी हुई बेशकीमती 16 मूर्तियां चोर लौटा गए। प्राचीन 16 मूर्तियों में 14 मूर्तियां नाटकीय ढंग से महंत के आवास के पास पाई गई। मूर्तियों के पास एक चिट्ठी भी लिखी हुई मिली जिसमें यह लिखा था कि उन्हें रात में सपने आते हैं और डर की वजह से वह सब मूर्तियां लौटा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर यह पूरा मामला क्या है।

चिट्ठी में लिखा- सपने में आते हैं भगवान, डर लगता है!

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में यहां के सदर कोतवाली क्षेत्र के तरौंहा स्थित प्राचीन बाला मंदिर से 9 मई को 14 अष्टधातु की मूर्तियां चोर चुराकर ले गए। लेकिन रविवार को एक चिट्ठी के साथ महंत के आवास के बाहर चोर सारी मूर्तियां छोड़ कर चले गए। इसके बाद महंत ने मूर्तियां पुलिस को सौंप दी। मूर्तियों के पास ही एक पत्र भी रखा मिला हुआ था, जिसमें लिखा था कि “उन्हें रात में सपने आते हैं और डर के कारण वह सब मूर्तियां लौटा रहे हैं।” बरहाल चोरों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया है।

जानिए पूरा मामला

मीडिया से बातचीत के दौरान कार्वी कोतवाली के इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने यह बताया कि “बालाजी मंदिर के पुजारी महंत राम बालक दास ने 16 मूर्तियों के चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें 5 किलो की अष्टधातु की मूर्ति और 10 किलो वजन की कॉपर से बनी भगवान बालाजी की तीन मूर्तियां, 15 किलो वजन वाली तांबे की 4 मूर्तियां सहित समेत नकदी और चांदी के सामान की चोरी हो गई थी। 9 मई की रात में हुई घटना को लेकर एफआईआर दर्ज हुई।”

वहीं शनिवार को मानिकपुर स्थित महंत राम बालक दास के ही घर के बाहर मूर्ति मिलने के बाद उन्होंने बताया कि सुबह जब वह गोवंशों को चारा पानी देने निकले तो उन्हें एक चिट्ठी पड़ी मिली। उसमें लिखा था कि “मूर्ति चोरी करने के बाद उन्हें नींद नहीं आ रही और डरावने सपने आ रहे हैं इसलिए मूर्ति वापस कर रहे हैं और मूर्तियों को आप दोबारा मंदिर में स्थापित करवा दें।” चिट्ठी पढ़ने के बाद महंत ने मूर्तियों की खोज की तो मूर्तियां घर के बाहर टोकरी के नीचे रखी बोरी के अंदर मिली। उन्हें बोरे में 14 मूर्तियां मिली। इसकी सूचना उन्होंने कोतवाली पुलिस को दी और पुलिस मुख्यालय पहुंचकर मूर्तियां पुलिस को वापस सौंप दी।

कोतवाल राजीव कुमार सिंह ने बताया कि कानूनी कार्यवाही की जा रही है। सदर कोतवाली कर्वी के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजीव कुमार सिंह ने बताया कि चोरी की गई 16 में से 14 मूर्तियां रविवार को रहस्यमय तरीके से महंत राम बालक दास के आवास के बाहर एक बोरे में बरामद हुई। उन्होंने बताया कि मूर्तियों के साथ ही चोरों की लिखी एक चिट्ठी भी मिली। फिलहाल, सभी 14 मूर्तियां कोतवाली में जमा करवा ली गई हैं और मामले की जांच की जा रही है।