13 हफ्ते की बच्ची के लिए फरिश्ता बनी गौमाता, ऐसे बचाई जिंदगी, इस चमत्कार से दुनिया भी हैरान

गाय एक पवित्र जानवर है और भारत में देवी की तरह इसे लोग पूजते हैं। हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और उन्हें गौ माता कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गौ माता के शरीर में 33 कोटि देवी देवताओं का वास है। गौ माता की पूजा करने से ही संपूर्ण देवी देवताओं की स्वयं ही पूजा हो जाती है। लोग गाय माता की पूजा और सेवा करते हैं। इसी बीच गौ माता ने 13 हफ्ते की बच्ची जिंदगी फरिश्ता बनकर बचाई है।

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह मामला साउथ ईस्ट लंदन के सिडकप इलाके से सामने आया है। यहां पैदा हुई एक बच्ची के दिल में प्रॉब्लम आ गई। दरअसल, यह बच्ची दिल की बीमारी से जूझ रही थी। ऐसे में डॉक्टरों ने बच्ची का ऑपरेशन कर उसके दिल में गाय के शरीर का टिशू लगा दिया। इससे बच्ची का ऑपरेशन सफल रहा और अब बच्ची एकदम स्वस्थ है।

जानिए क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि दुनिया में लाखों बच्चे हैं, जो मिक्स्ड मिट्रल वाल्व नामक बीमारी के साथ जन्म लेते हैं। इस बीमारी में बच्चों के दिल का एक वाल्व खराब होता है, जिससे पीड़ित बच्चे के शरीर में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है। अगर इस बीमारी का समय रहते इलाज नहीं कराया जाए, तो इससे पीड़ित बच्चों की जान भी जाने की संभावना अधिक रहती है। 13 हफ्ते की बच्ची फ्लोरेंस फोक्स, जो सिडकप में रहने वाली है वह भी इसी बीमारी से पीड़ित थी। जब माता-पिता को बच्ची की बीमारी के बारे में पता चला तो उन्होंने बच्ची के थोड़ा बड़े होने का इंतजार किया ताकि बच्ची का शरीर सर्जरी को झेल सके।

लेकिन अचानक ही बच्ची की हालत बिगड़ गई, तो डॉक्टरों ने तुरंत ही बच्ची का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया परंतु डॉक्टरों के सामने एक समस्या यह खड़ी हो गई कि व्यस्क मरीजों में आमतौर पर इस समस्या के होने पर ओपन हार्ट सर्जरी कर एक वाल्व डाला जाता है। कई बार मेटल वाल्व मरीज के दिल में फिट कर दिया जाता है परंतु यह बच्ची अभी महज 13 हफ्ते की ही थी, जिसकी वजह से बच्ची के दिल में मेटल वाल्व लगाने में खतरा होने की संभावना अधिक थी। ऐसे में डॉक्टरों ने एक तरकीब ढूंढ निकाला।

डॉक्टरों ने बच्ची के दिल में लगा दिया गाय के टिश्यू से बना वाल्व

वहीं डॉक्टरों के द्वारा यह फैसला लिया गया कि बच्ची के दिल में गाय के दिल का टिश्यू लगाया जाए, जो दिखने में बिल्कुल मेटल वाल्व जैसा होता है। आपको बता दें कि एक बच्चे का दिल एक अखरोट जितना होता है। ऐसे में बच्ची की सर्जरी के लिए डॉक्टरों के सामने एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन 6 घंटे की कठिन सर्जरी के बाद आखिरकार ऑपरेशन सफल रहा। अब बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है।

बताते चलें कि ये तो बात हो गई लंदन की, लेकिन भारत में भी हर साल लगभग दो लाख से ज्यादा बच्चे दिल की बीमारी के साथ पैदा होते हैं, जिनमें से लगभग 25 से 30 हजार बच्चों की हार्ट सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।