‘दीया और बाती हम’ फेम एक्ट्रेस दीपिका सिंह ने सहे कईं दर्द, बोली- मेरा पूरा बचपन एक फैक्ट्री में बीता है

स्टार प्लस का मशहूर शो ‘दीया और बाती हम’ एक समय में सुपरहिट शोज़ की लिस्ट में शुमार रहा है. शो से एक्ट्रेस दीपिका सिंह को काफी अच्छा रिस्पोंस मिला था कि वह रातोंरात हिट हो गई. दीपिका सिंह इस धारावाहिक में संध्या बींधनी के किरदार में नज़र आई थी जिनका एकमात्र सपना आईपीएस ऑफिसर बनना था और इस सपने को उनके पति सूरज राठी उर्फ़ अनस रशीद सच करने में पूरा सहयोग करते हैं. बता दें कि दीपिका आज जिस मुकाम पर हैं, उसके पीछे उनका कोई गॉडफादर नहीं है बल्कि उन्होंने सब अपनी मेहनत से ही हासिल किया है. लोगों को उनका किरदार इस कदर पसंद आया कि आज भी उनकी फैन फॉलोविंग लाखों की संख्या में है.

किसी भी एक्टर या एक्ट्रेस की सक्सेस स्टोरी इतनी आसान नहीं होती, जितनी वह पर्दे पर नज़र आती है. क्यूंकि उस कामयाबी के पीछे ढेरो संघर्ष छिपे रहते हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं. वहीँ कामयाबी के सातवें आसमान को छू रही एक्ट्रेस दीपिका को भी स्टारडम इतनी आसानी से नहीं मिला है उन्हें कईं तरह के पापड़ बेलने पड़े हैं. हाल ही में दीपिका ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी सक्सेस स्टोरी बताई. आईये जानते हैं आखिर उन्हें कामयाबी के इस रास्ते में क्या क्या झेलना पड़ा है:-

फैक्ट्री में बीता है पूरा बचपन

दीपिका ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि, “मेरा पूरा बचपन फैक्ट्री में बीता है. मैंने छोटी उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था. मेरे स्कूल के पास ही पापा की फैक्ट्री थी ऐसे में वह छुट्टी होते ही वहां पहुँच जाती नथी और शाम को उनके साथ घर वापिस लौटती थी. छठी से सातवीं क्लास तक आते-आते मैंने सिलाई, कढाई, डिजाइनिंग, पैकेजिंग वगेराह सब कुछ सीख लिया था. मैंने पढ़ाई के इलावा कईं पार्ट टाइम इवेंट्स में हिस्सा लिया हुआ है.”

हमेशा रहीं डाउन टू अर्थ

दीपिका के अनुसार वह हमेशा से डाउन टू अर्थ रहीं हैं. उन्होंने बचपन में कईं तरह की किल्लतें देखीं हैं. दीपिका के अनुसार उनका बचपन पहाड़गंज में बीता था. वहां बिजली और पानी की कमी सबसे अधिक होती थी. वह, उनकी माँ और उनकी बहन अक्सर तीसरी मंजिल से नीचे पानी की बाल्टी लेने आती थी ऐसे में कईं बार सीढियां चाह्दते ही फिसल भी जाया करते थे. दीपिका ने पानी की इतनी कमी सही है कि अब वह बिलकुल पानी वेस्ट नहीं करती हैं. वह हमेशा स्ट्रीट लैम्प्स से पढ़ती थी इसलिए अब कमरे की लाइट या फैन चलता देखें तो तुरंत बंद कर देती हैं.

बेटे के जन्म के बाद लिया था ब्रेक

दीपिका ने बताया कि, “जब मेरी शादी के बाद बेटा हुआ तो मैंने काम से ब्रेक ले लिया था. लेकिन बाद में मैंने खुद को मेंटेन करके एक बार फिर से काम शुरू कर दिया था. मैंने बेटे के जन्म से पहले ही सोच लिया था कि उसे मैं अपना ही दूश पिलाउंगी और उसे डायपर कभी नहीं पहनाउंगी. मैंने एक बार मेड भी रखी थी लेकिन उसका काम मुझे अच्छा नहीं लगा और मैं अपने बच्चे को मेड के हवाले नहीं रखना चाहती थी. ” बता दें कि दीपिका आज की कईं औरतों के लिए एक मिसाल बन कर सामने आई हैं जो माँ बनने के बाद करियर से नाता तोड़ लेती हैं. लेकिन दीपिका ने एक अच्छी माँ के साथ साथ एक एक्ट्रेस होने का फ़र्ज़ भी बखूबी निभाया है.