दिल्ली की “श्याम रसोई” गरीबों को खिलाती है ₹1 रुपये में भरपेट खाना, इस नेक काम की हो रही है तारीफ

कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में आर्थिक तंगी के चलते लोग काफी परेशान चल रहे हैं। कोरोना वायरस ने सभी लोगों को तरह-तरह से प्रभावित किया है। लॉकडाउन के दौरान लोगों का काम धंधा बंद हो गया है। लोगों के पास दो वक्त की रोटी तक के पैसे नहीं बचे हैं, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में बहुत से लोग ऐसे सामने आए हैं जिन्होंने जरूरतमंद लोगों की अपनी तरफ से पूरी सहायता की है। जरूरतमंद लोगों के लिए यह लोग मसीहा बनकर उभरे हैं। आज हम आपको इन्हीं लोगों में से एक प्रवीण गोयल जी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो दिल्ली के नांगलोई इलाके में शिव मंदिर के पास “श्याम रसोई” चलाते हैं। इनकी रसोई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ एक रुपए में जरूरतमंद और भूखे लोगों को भरपेट खाना खिला रहे हैं।

प्रवीण कुमार जी की शाम रसोई सुबह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक खुली रहती है। यहां पर आने वाले लोगों को सिर्फ ₹1 रुपये में खाने की थाली दी जाती है। काफी लंबे समय से परवीन कुमार गोयल जी यहां पर रसोई लगा रहे हैं और रोजाना ही कई गरीब लोगों को यह भरपेट खाना खिलाते हैं।

परवीन गोयल जी कोरोना काल में जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए मसीहा बने हुए हैं। इनका कहना है कि इनकी रसोई में रोजाना करीब दो हजार दिल्लीवासी खाना खाने के लिए आते हैं और तीन ई-रिक्शा के जरिए इंदरलोक, साई मंदिर जैसे आसपास के इलाकों में पार्सल की सुविधा उपलब्ध है। लोग इनकी आर्थिक रूप से भी सहायता करते हैं, इतना ही नहीं बल्कि अलग-अलग तरीकों से यह दान भी करते हैं। परवीन जी का ऐसा बताना है कि पहले खाने की कीमत ₹10 रुपये थी परंतु हमने अधिक लोगों को आकर्षित करने के लिए इसे घटाकर ₹1 रुपये कर दी। एक रुपए की थाली में चावल, रोटी, सोया पुलाओ, पनीर, सोयाबीन, और हलवा खाने के लिए मिलता है। इतना ही नहीं बल्कि रोजाना खाने का मैन्यू भी बदलता रहता है।

51 वर्षीय प्रवीण कुमार गोयल जी ने कोरोना महामारी को देखते हुए अपनी रसोई शुरू की थी। करीब 2 महीने से यह रसोई लगा रहे हैं। इनकी रसोई की सहायता से कई सारे जरूरतमंद लोगों को खाना भी मिल रहा है। प्रवीण कुमार गोयल जी के इस नेक कार्य की हर तरफ चर्चा हो रही है। मुश्किल की इस घड़ी में जो कार्य प्रवीण जी कर रहे हैं इसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। प्रवीण जी का ऐसा कहना है कि हमारे पास 7 दिन और रसोई चलाने की क्षमता है, साथ ही हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वह राशन की सहायता करें। इससे हमारी सेवा भी जारी रहेगी ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन मिल सके।

प्रवीण कुमार जी की रसोई मैं उनकी मदद के लिए 6 लोग हैं और यह उनको बिक्री के आधार पर ही ₹300 रुपये से लेकर ₹400 रुपये तक देते हैं। इसके अलावा कॉलेज के विद्यार्थी भी उनकी सहायता करने के लिए आते हैं। वैसे अगर प्रवीण कुमार गोयल जैसे नेक इंसान इस दुनिया में है तब तक कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा नहीं सो सकता। अगर सबकी सोच इनकी तरह हो जाए तो देश में काफी परिवर्तन आ जाएगा।