देवरिया DM ने शहीद जवान की बेटी का किया कन्यादान, निभाया पिता का फर्ज

फौजी जवान हमारे पूरे देश की रक्षा करते हैं। देश की शान और उसकी रक्षा करने के लिए जवान अपनी जान की भी परवाह नहीं करते हैं। भारत माता के लिए यह अपनी जान को भी दांव पर लगाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अपने परिवार से दूर देश की सरहद पर अपना सर कटाने वाले देश के फौजी जवान ही होते हैं। कड़ी धूप में भी यह अपने फर्ज से पीछे नहीं हटते हैं। हर किसी कीमत पर जवान अपने देश के नागरिकों की रक्षा करते है। फौजी जवान बनने के लिए इंसान को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं। जवान हमेशा कठिनाइयों के बावजूद भी अपने कर्तव्य को पूरा करते हैं। जब कोई जवान सरहद पर शहीद हो जाता है तो उसका दुख परिवार के लोगों के साथ-साथ पूरे देश के लोगों को होता है परंतु जिस घर का बेटा शहीद होता है उस परिवार के दुख को कोई नहीं जान सकता। आपके मन में यह ख्याल आ रहा होगा कि भला हम फौजी जवानों के बारे में आपको क्यों बता रहे हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश देवरिया जिले से एक खबर आई है। जहां पर जिला अधिकारी अमित किशोर मंगलवार की देर रात अचानक बीएसएफ के शहीद जवान अजय कुमार के घर पहुंच गए। यहां उन्होंने एक पिता की तरह शहीद की बेटी का कन्यादान किया और नवदंपति को आशीर्वाद दिया।

आपको बता दें कि सलेमपुर तहसील क्षेत्र के मझौलीराज कस्बे में बीएसएफ के जवान अजय कुमार रहते हैं। अजय कुमार बीएसएफ के 88वीं बटालियन में तैनात थे। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में 25 अगस्त 2018 में एक घटना के दौरान अजय कुमार शहीद हो गए थे। अजय कुमार के चले जाने के बाद परिवार की स्थिति बेहद खराब हो गई थी। इसी बीच शहीद अजय कुमार के परिजनों ने उनकी बेटी शिवानी रावत का विवाह तय कर दिया। शहीद जवान की लड़की शिवानी रावत ने डीएम अमित किशोर को एक भावुक पत्र लिखा था जिसमें इस बात का जिक्र किया गया था कि वह सहपरिवार सहित उनका कन्यादान करें।

शहीद जवान की लड़की द्वारा लिखे गए पत्र को जब डीएम साहब ने पढ़ा तो वह लड़की के घर जाने को मजबूर हो गए, जिसके बाद डीएम साहब अपनी पत्नी के साथ शहीद जवान के घर पहुंचे। घरवालों ने डीएम साहब को देखा तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। डीएम अमित किशोर जी ने बताया कि जिलाधिकारी से एक गरीब को जिस प्रकार के अपेक्षा होती है, उसे निभाया है। वही लड़की भी डीएम के परिवार को पाकर बहुत खुश थी। शिवानी रावत का ऐसा बताना है कि मैंने जिले के जिला अधिकारी को एक पत्र लिखा था कि मेरी शादी के समय मेरा कन्यादान करें तो आज उन्होंने मेरे घर आकर हम सबका मनोबल बढ़ाया और मेरा कन्यादान किया। हम सब बहुत खुश हैं।

आपको बता दें कि मंगलवार के दिन डीएम साहब अपनी पत्नी के साथ शहीद जवान के घर पहुंच गए और उन्होंने एक पिता की तरह बेटी की विदाई की और नवदंपति को आशीर्वाद दिया। एक पिता की तरह डीएम साहब ने कन्यादान किया।