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डॉक्टर ने कोरोना पीड़ित बुजुर्ग को गले लगाकर दु:ख बांटने की कोशिश की, दिल जीत रही है ये फोटो

कोरोना वायरस महामारी के बीच लोगों का एक-दूसरे से मिलना जुलना लगभग पूरी तरह से बंद हो गया है। कोरोना वायरस के डर से लोग एक-दूसरे से हाथ तक मिलाने में डरने लगे हैं। वैसे देखा जाए तो कोरोना महामारी ने देश भर के लोगों को काफी परेशानी में लाकर खड़ा कर दिया है। कोरोना वायरस की वजह से लोगों का कामकाज काफी प्रभावित हुआ है। कोरोना काल में दिहाड़ी मजदूरों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जो लोग रोजाना कमा कर खाते थे उनको अब दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी काफी मुश्किल हो रहा है। ज्यादातर लोग बेरोजगार हो चुके हैं। लोग अपने घर का गुजारा चलाने के लिए कोई ना कोई काम-धंधा के जुगाड़ में लगे हुए हैं।

कोरोना वायरस की वजह से हमारा सामाजिक व्यवहार हमेशा के लिए बदल चुका है। खासकर उनके साथ जिन लोगों को कोरोना हुआ है। लोग कोरोना संक्रमितों के साथ भेदभाव करते हैं। कई स्थानों पर अस्पताल में कोरोना वायरस पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर को भी सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है परंतु इसी बीच इंटरनेट पर एक तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही है जो सभी लोगों का दिल जीत रही है। दरअसल, इस तस्वीर के अंदर एक डॉक्टर कोरोना पीड़ित बुजुर्ग को गले लगाते हुए दिखाई दे रहा है।

कोरोना पीड़ित बुजुर्ग को डॉक्टर ने लगाया गले

जैसा कि आप लोग इस तस्वीर को देख रहे हैं। इस तस्वीर के अंदर एक बुजुर्ग को डॉक्टर गले लगाते हुए दिखाई दे रहा है। आपको बता दें कि यह बुजुर्ग कोरोना वायरस से पीड़ित है। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में जो डॉक्टर दिखाई दे रहा है, उनका नाम जोसेफ़ वेरॉन है। यह अमेरिका के टेक्सास में काम करते हैं और कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज करते हैं। एबीसी न्यूज़ ने यह तस्वीर साझा की है। उनकी खबर के अनुसार जोसेफ टेक्सास के United Memorial Medical Center, Houston के सीनियर डॉक्टर हैं। उन्होंने ICU में जाकर इस कोरोना पीड़ित बुजुर्ग को गले लगाया। इस दौरान उन्होंने पीपीई किट पहन रखी है। आपको बता दें कि “थैंक्सगिविंग” के तौर पर उन्होंने बुजुर्ग को गले लगाया।

बुजुर्ग रहता था काफी दुखी, नहीं जानता था किसी को

रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि इस तस्वीर में जो बुजुर्ग नजर आ रहा है यह काफी दुखी रहता था। यह किसी को भी नहीं जानता था। जब बुजुर्ग ने अपने डॉक्टर को देखा तो काफी भावुक हो गया, जिसके बाद डॉक्टर ने कोरोना पीड़ित बुजुर्गों को गले लगा लिया।

16-16 घंटे तक करना पड़ता है काम

कोरोना काल में जोसेफ की भी जिंदगी काफी बदल गई है। कोरोना महामारी के बीच इनके काम का समय भी बढ़ गया है। कई कई बार तो इनको 16-16 घंटे नौकरी करनी पड़ती है। यहां तक कि काम के दौरान अगर घर से कॉल आती है तो वह कॉल भी नहीं उठा पाते हैं। उन्हें खुद यह पता नहीं होता है कि वह घर वापस भी आएंगे या नहीं। डॉक्टर जोसेफ का ऐसा बताना है कि कई बार जब मरीजों की संख्या अधिक बढ़ जाती है तो उनको देखकर उनके साथ काम करने वाले सहयोगी रोने भी लगते हैं।

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