रिक्शेवाले ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, सड़क पर मिला 25 लाख रुपये से भरा बैग पुलिस को सौंपा

आजकल के समय में लोग पैसा कमाने के लिए ना जाने क्या-क्या करते हैं। लोग कैसे ना कैसे करके पैसा कमाना चाहते हैं। वैसे देखा जाए तो अगर किसी को पैसे मिले, तो हर कोई उसको अपने पास रखना चाहेगा। पैसों के लिए तो अच्छे अच्छों की नियत खराब हो जाती है। जहां चंद रुपयों के लिए लोग अपना ईमान बेचने के लिए तैयार हो जाते हैं। वहीं गाजियाबाद के थाना मोदीनगर इलाके में एक ई-रिक्शा चालक ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए 25 लाख रुपयों से भरा हुआ बैग पुलिस को सौंप दिया। यह खबर साबित कर रही है कि पैसा ईमान से बढ़कर नहीं हो सकता।

जी हां, जहां चंद रुपयों के खातिर लोग अपनों को ही हानि पहुंचाने से पीछे नहीं हटते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आर्थिक रूप से बेहद कमजोर ई-रिक्शा चालक ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। ई-रिक्शा चालक को सड़क पर 25 लाख रुपए पड़े हुए मिले थे। 500-500 की नोटों की गड्डियां देखकर उसका मन नहीं डोला। ई-रिक्शा चालक पैसों से भरा हुआ बैग लेकर मोदीनगर थाने पहुंचा और एसएचओ भानु प्रताप सिंह को सौंप दिया। उसकी ईमानदारी के लिए डीसीपी देहात रवि कुमार ने सर्टिफिकेट और फूलों का गुलदस्ता देकर ई-रिक्शा चालक को सम्मानित किया।

ई-रिक्शा चालक को सड़क किनारे पड़ा मिला बैग

दरअसल, किदवई नगर कॉलोनी निवासी आस मोहम्मद मंगलवार को तिबड़ा रोड स्थित बम्बे के पास से गुजर रहे थे, तभी उन्हें एक बैग नजर आया। जब उन्होंने बैग को खोलकर देखा तो उसमें काफी सारे रुपए दिखाई दिए। बैग के अंदर 500 की 50 गड्डियां थीं। यानी बैग के अंदर 25 लाख रुपए थे। इतने सारे रुपए देखकर वह कुछ देर मौके पर ही रुके रहे। फिर उन्होंने सोचा कि जिसका बैग होगा, वह उसे लौटा देंगे। काफी देर तक वहां पर कोई भी नहीं आया, जिसके बाद उन्हें कुछ नहीं सूझा और उन्होंने अपने दोस्त सरफराज अली को मौके पर बुला लिया, जिसके साथ रुपयों से भरा बैग मोदीनगर थाने में जमा करा दिया।

आपको बता दें कि आस मोहम्मद के परिवार में तीन बेटे, एक बेटी और पत्नी है। आस मोहम्मद के अनुसार, उन्हें पता नहीं था कि उसमें कितने रुपए भरे हुए हैं लेकिन जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 25 लाख रुपए थे। वास्तव में आस मोहम्मद के द्वारा किया गया काम समाज के लिए प्रेरणा है, क्योंकि एक रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला व्यक्ति जिसके सामने तमाम आवश्यकताएं भी हो सकती हैं, इसके बावजूद इसने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए रुपयों से भरा हुआ बैग थाने में जमा करा दिया, ताकि जिस व्यक्ति का वह बैग और पैसे हैं वह थाने से आकर ले जाएं।

आस मोहम्मद का हुआ सम्मान

आपको बता दें कि डीसीपी देहात रवि कुमार के अनुसार आस मोहम्मद ने इमानदार नागरिक की मिसाल पेश करते हुए पैसों से भरा हुआ बैग थाने में जमा कराया है, जिसमें लगभग 25 लाख रुपए थे। अब पुलिस ने बैग को लावारिस में जमा कर लिया है। आस मोहम्मद का डीसीपी ग्रामीण के कार्यालय में सम्मान भी किया गया। बैग के संबंध में जैसी भी कोई सूचना आती है तो उसके मुताबिक विधिक कार्यवाही की जाएगी। ई-रिक्शा चालक की ईमानदारी से खुश होकर डीसीपी ने सर्टिफिकेट और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।