कोरोना में पिता की छूट गई नौकरी तो बेटी बनी सहारा, ऑटो चला कर कर रहीं हैं परिवार की देखभाल

कोरोना वायरस ने सभी लोगों को काफी परेशान किया हुआ है। जब कोरोना वायरस की वजह से देश भर में लॉकडाउन का ऐलान किया गया था तब लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कोरोना काल में लोगों का काम धंधा पूरी तरह से बंद हो गया। नौकरी पेशा वाले लोगों की नौकरी छूट गई। ऐसी स्थिति में बिना रोजगार के घर चला पाना बेहद ही मुश्किल हो गया। सभी लोग दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने की कोशिश में कोई ना कोई काम धंधा तलाश करते रहते थे।

कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा है। सभी लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। कोरोना महामारी ने सभी लोगों की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी। इसी बीच हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें कठिन समय में अपनी हिम्मत नहीं हारी और यह ऑटो चला कर अपना घर संभाल रही है। इस लड़की के जज्बे को देखकर दूसरे लोग भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं और सभी इस लड़की की खूब तारीफ भी कर रहे हैं।

हम आपको जिस लड़की के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं उसका नाम बनजीत कौर है जिसकी उम्र 21 वर्ष की है। यह जम्मू एंड कश्मीर के उधमपुर में रहती है। कोरोना वायरस की वजह से इनके पिताजी की नौकरी छूट गई थी। इनके पिताजी ही अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। ऐसे में जब इनकी नौकरी छूट गई तो परिवार का गुजारा चला पाना बेहद मुश्किल हो गया लेकिन बनजीत कौर ने कोरोना काल में बेरोजगार हुए अपने पिता की जिम्मेदारी बांटने में अहम भूमिका निभाई है।

बनजीत कौर ने यह साबित कर दिखाया है कि लड़कियां किसी भी मामले में लड़कों से पीछे नहीं हैं। यूं तो ज्यादातर ऑटो चालक पुरुष होते हैं परंतु इन बातों को दरकिनार कर बनजीत कौर ने ऑटो रिक्शा चलाने का फैसला कर लिया। यह सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रही हैं। पढ़ाई के अलावा भी घर की जिम्मेदारी उठाना उनका मुख्य मकसद बन गया था। आपको बता दें कि पिता की नौकरी छूट जाने के बाद बनजीत कौर ने अपने घर का खर्च उठाने के लिए पार्ट टाइम ऑटो रिक्शा चलाया। बनजीत कौर का ऐसा बताना है कि उनके पिता एक स्कूल में बस चलाते थे लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से उनकी नौकरी चली गई थी। ऐसे में घर का खर्चा चला पाना बहुत ही मुश्किल हो गया था।

बनजीत ने आगे बताया कि वह अपने पिता की ऐसी हालत नहीं देख सकती थीं। इसी वजह से उसने अपने पिता सरदार गोरख सिंह से ऑटो रिक्शा चलाने की बात कही थी क्योंकि उन्हें ड्राइविंग नहीं आती थी इसलिए उन्होंने अपने पिताजी से इसकी ट्रेनिंग ली थी। आज बनजीत पर उनके घरवालों को काफी गर्व है। वहां के सभी स्थानीय लोग भी उनके ऊपर गर्व महसूस कर रहे हैं।

बनजीत कौर के पिता जी सरदार गोरख सिंह का ऐसा कहना है कि लड़कियां हर फील्ड में महारत हासिल कर सकती हैं। वह अपनी इच्छा के हिसाब से अपना पेशा चुन सकती हैं। उन्होंने बताया कि जब मेरी बेटियों ने मुझसे कहा कि मैं ऑटो रिक्शा चलाना सिखा दूं तो मैंने उनका पूरा साथ दिया था।