11 घंटे से हथिनी लगातार खोद रही थी मिट्टी, जब सच सामने आया तो सब देखते रह गए

हमने ना जाने कितने ऐसे किस्से देखे और सुनने है जहा मां की ममता ने अपने बच्चों की जान बचाई हो. लेकिन हमने बहुत कम ही जानवरों के मां को अपने बच्चे की इतनी देखभाल करते देखा हो. मगर इस वाक्य को जानने के बाद आप मान लेंगे कि मां मां होती हैं चाहे वो इंसान की हो या जानवरों कि. वो मां होती है जो अपने बच्चे को सबसे ज्यादा प्यार करती है. मां अपने बच्चों के लिए हर मुसीबत से लड़ जाती हैं.

सोशल मीडिया और इंटरनेट पर पिछले कई दिनों से एक स्टोरी साझा की जा रही है. तस्वीरों के द्वारा शेयर की जा रही यह कहानी एक हथिनी की है. तस्वीरों की द्वारा ये देखा जा सकता है की एक हथिनी गड्ढे से मिट्टी खोद रही है. पूरे मामले को जानकर आप यह जरूर कहेंगे कि मा की ममता वो हर चीज़ के सकती जिससे वो अपने बच्चे की रक्षा कर पाए. अपने बच्चों के हर मां चिंता करती है फिर चाहे वो इंसान हो या जानवर.

जब गड्ढे में गिर गया हाथी का बच्चा

दरअसल यह एक ऐसी हथिनी की कहानी है जो गहरे गड्ढे में गिरे अपने बच्चे को बचाने के लिए लगातार मिट्टी खोद रही थी. कोई नहीं जानता कि आखिर हाथी का बच्चा गड्ढे में कैसे गिर गया. बताया जा रहा है कि यह हथिनी बीते दिनों अपने बच्चे के साथ जंगल पार कर रही थी कि तभी वो बच्चा वहां बने एक गहरे गड्ढे में गिर गया. गड्ढा काफी गहरा था और हाथी के बच्चे की लंबाई काफी कम थी, इसी वजह वो उस गड्ढे को पार कर पाने में असमर्थ था.

हथिनी ने की ज़बरदस्त कोशिश

वहीं हथिनी ने अपने छोटे बच्चे को बाहर निकालने के लिए काफी संघर्ष किया। बताया यह भी जा रहा है कि उसने लगातार बिना रुके 11 घंटे तक गड्ढा खोदा. घबराहट में हथिनी अपने बच्चे के ऊपर ही और मिट्टी डालती जा रही थी. उसने सुबह तक मिट्टी खोदना जारी रखा. लेकिन वह अपने बच्चे को बाहर नहीं निकाल पाई. वह थक गई और रोने लगी.

गांव वालों ने की मदद

हालांकि खूब प्रयास के बावजूद हथिनी कुछ नहीं कर पाई तब वो थक कर रोने लगी. रोने कि आवाज़ तेज होने की वजह से गांव वालो तक उसकी आवाज़ पहुंचने लगी थी. हथिनी की रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे. पहले तो वे समझ ही नहीं पाए कि हथिनी क्यों रो रही है. गांववालों ने परेशान हथिनी की मदद की. उन्होंने उसका ध्यान केले देकर बंटाया. जब केले खाने के लिए वो वहां से हटी, तो उन्होंने बच्चे को बाहर निकाल लिया. बाद में हथिनी अपने बच्चे से मिलकर उससे जंगल की ओर ले गई.