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पटना से लेकर दुबई तक में दिखी छठी मैयां प्रति भक्तों की आस्था, उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूर्ण हुआ आज का व्रत

छठ पूजा का त्योहार बिहार वासियों द्वारा बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. छठ पूजा में औरते संतान प्राप्ति या अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है. इस व्रत को सूर्यास्त के समय सूर्य भगवान को अर्ध देखकर खोलती है और अपने बच्चों की लंबी उम्र की प्रार्थना सूर्य भगवान से करती हैं. छठ के त्योहार के दिन बिहार वासियों ने पटना के कई घाटों पर अर्द्ध देख रहा अपना वर्क संपन्न किया. वही बिहार सहित और अन्य विदेशों में रहने वाले बिहार वासियों ने भी छठ पर्व को बड़ी ही धूमधाम से सेलिब्रेट किया.

जानकारी के लिए बता दें छठ पर्व के दिन जिन स्त्रियों ने व्रत रखा था उन्होंने शाम के समय सूर्य को अर्ध्य देकर अपनी छठ पूजा के के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाया. पटना के कई बड़े घाटों पर लाखों व्रत रखने वाली महिलाओं ने अर्द्ध दे कर अपना वक्त संपन्न किया. वहीं बिहार के कई घरों में इस पूजा को मनाने के लिए अपनी छत से ही सूर्य देव को अर्ध दी गई. पूरे बिहार में छठ पूजा का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. भारत की संस्कृति और परंपरा में शामिल छठ पूजा केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी बड़ी धूमधाम से मनाई गई. दुबई से लेकर और भी कई देशों में रहने वाले बिहारियों ने सूर्य देव को अर्ध देकर अपनी छठ पूजा को संपन्न किया. और आज भी व्रत रखने वाली महिलाएं उगते सूरज से ही अर्ध देना शुरू कर देग.

बता दे बिहार में मनाए जाने वाला छठ का यह अद्भुत पर्व 4 दिनों तक चलता है. वही वही लाखों बिहार वासियों ने राजधानी के 96 घाटों पर भगवान भास्कर को अर्ध अर्पित किया. इसके अलावा भी शहर के 96 तालाबों पर सरकार द्वारा अर्ध देने की पूर्ण व्यवस्था की गई थी. इन घाटो में राजधानी दीघा घाट,पार्टी पूल घाट, कुर्जी घाट, एलसीटी घाट और कंगना घाट शामिल थे. जहां पर छठ का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. वहीं अगर बात करें गंगा किनारों की तो वहां पर व्रत करने वाले लोगों का आना दोपहर को ही शुरू हो गया था. और यह सिलसिला तब तक सुरु रहा जब तक सूर्य अस्त ना हो गया. वही गंगा नदी के घाट छठ पूजा के संगीतो से गूंज उठे थे. इन सभी के दौरान मुख्यमंत्री नितेश भी घाटों पर पहुंचकर सूर्य को नमस्कार करते दिखाई दिए.

बता दे छठ पूजा के दौरान महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले छठ पर्व के गीतों से घाट पूरी तरह गूंज उठे थे. छठ का पर्व एक ऐसा पर्व है. जहां पर बेटी की कामना की जाती है. जितने भी व्रत करने वाले लोग पूजा करने के लिए घाटों की तरफ से आ रहे थे. तो बड़े छोटे सभी रास्तों की साफ सफाई में जुटे हुए थे. वैसे देखा जाए तो छठ का पर्व एक तरह से स्वच्छता का भी प्रतीक है. क्योंकि श्रद्धालुओं द्वारा सभी रास्ते पूरी तरह से साफ कर दिए जाते हैं. बिहारवासी इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं. इस पर्व के 4 दिन तक चलने के उपरांत सारे श्रद्धालु घाटों पर सूर्य को नतमस्तक नमस्कार करते दिखाई देते हैं.

 

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