मिठाई बेचकर पिता करते थे घर का गुज़ारा, खुद बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर ये लड़की अब बनी IAS अफ़सर

जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा में भाग लेने के लिए हर साल लाखों लोग हिस्सा लेते हैं लेकिन बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जिन्हें इस परीक्षा में सफलता मिल पाती है. इसके अलावा यूपीएससी में कामयाबी केवल उन्हीं अभ्यर्थियों के हाथ लगती है जो कि कड़ी मेहनत और संघर्ष करके और दिन-रात पढ़ाई करके आगे आते हैं. तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिन भर पढ़ाई करने के बावजूद भी इस परीक्षा में सफलता नसीब नहीं कर पाते हैं. हर साल इस परीक्षा में अमीर से लेकर गरीब तक सब तरह के विद्यार्थी भाग लेते आए हैं. वही आज की खास पोस्ट में हम आपको एक ऐसी लड़की की संघर्ष कहानी के बारे में बता रहे हैं जिस ने साल 2017 में इस परीक्षा को पास किया था और आर्थिक तंगी से जूझते हुए सफलता का परचम लहरा दिया था.

मिठाई बेचने वाले की बेटी है ज्योति

दरअसल इस पोस्ट में हम जिस लड़की के बारे में बात कर रहे हैं उसका नाम ज्योति कुमारी है जिस ने साल 2017 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा यानी कि यूपीएससी में 53वां रैंक हासिल करके कामयाबी का झंडा गाड़ दिया था और अपने पूरे गांव का नाम रोशन कर दिखाया. ज्योति असल में बिहार के भागलपुर की रहने वाली है. ज्योति के पिता असल में गांव में ही मिठाई बेचने का काम करते थे और पढ़ाई के साथ-साथ ज्योति भी अपने पिता का हाथ बटवाया करती थी. पिता के साथ काम करवाते करवाते ज्योति अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान रखती थी. उनकी मेहनत और संघर्ष आज इस कदर उनका साथ दे गया है कि अब ज्योति आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा कर रही हैं. ज्योति के अनुसार वह बचपन से ही मेडिकल सर्विसेज में जाना चाहती थी और उनका सपना डॉक्टर बनने का था. परंतु जब दसवीं में अच्छे अंक मिले तो उनका मन बदल गया और उन्होंने ठान लिया कि आगे चलकर अपने आईएएस अफसर ही बनेगी और अब आखिरकार उन्होंने अपने सपने को पूरा भी कर दिखाया है.

बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर बनी आईएएस

बता दे कि ज्योति कुमारी की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी क्योंकि साल 2014 में ज्योति कुमारी अपने खर्चे को जलाने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी और इसके साथ ही वह अपनी यूपीएससी की परीक्षा की भी तैयारी करती थी. साल 2014 में भी उन्होंने आईएएस की परीक्षा दी थी लेकिन उन्हें 524 वी रैंक हासिल हुई जिसके कारण उनका यह सपना अधूरा ही रह गया था लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और जी जान लगाकर मेहनत करके आखिरकार फिर से साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में भाग लिया और आखिरकार इस बार उन्होंने इस परीक्षा को पास करके इतिहास रच दिया. ज्योति ने साबित कर दिखाया कि सफलता प्राप्त करने के लिए यदि सच्चे मन से ठान लिया जाए तो कोई भी पत्थर आपका रास्ता नहीं रोक सकता है.