कुछ ऐसे शुरू हुई थी टीवी के राम-सीता उर्फ़ गुरमीत चौधरी और देबिना की लव स्टोरी, आज भी एक दुसरे पर छिड़कते हैं जान

टीवी कलाकार देबिना बनर्जी और गुरमीत चौधरी उन ख़ुशनसीब लोगों में से हैं, जिन्हें ज़िंदगी से दिल खोलकर ख़ुशियां और प्यार मिला. ये सब तभी हुआ, जब देबिना और गुरमीत ने एक-दूसरे का हाथ थामा, और एक-दूसरे के सपोर्ट सिस्टम भी बने. देबिना और गुरमीत चौधरी टीवी के उन रोमांटिक कपल्स में से हैं, जो ये अच्छी तरह जानते हैं कि बिज़ी लाइफ में भी रोमांटिक कैसे रहते हैं. चलिए इनकी लव स्टोरी का किस्सा शुरू करते हैं.

लव स्टोरी ऐसे हुई शुरू

देबिना ने बताया था कि गुरमीत मेरी फ्रेंड के बॉयफ्रेंड के दोस्त थे और अपने दोस्त के साथ अक्सर हमारे घर आते थे. फिर मेरी फ्रेंड और उसका बॉयफ्रेंड अपनी रोमांटिक बातों में बिज़ी हो जाते और हम दोनों अकेले पड़ जाते. ऐसे में हमारे पास एक-दूसरे से बातें करने के अलावा और कोई चारा नहीं होता. धीरे-धीरे हमारी दोस्ती बढ़ी और प्यार हो गया. उन्होंने कहा कि मज़े की बात ये है कि उन दोनों का ब्रेकअप हो गया और हमारी शादी. वहीं गुरमीत का कहना है कि देबिना के आने से मेरी लाइफ में एक अच्छा दोस्त आया, जिससे मैं अपने मन की बात कह सकता हूं. देबिना से मिलने के एक महीने बाद ही मुझे उससे प्यार हो गया. फिर जल्दी ही हमने शादी का फैसला किया.

बहुत अच्छी अंडरस्टैंडिंग है दोनों के बीच

देबिना ने बताया कि, “न मैं गुरमीत के बिना एक क़दम चल सकती हूं और न ही गुरमीत. हम हर काम में एक-दूसरे की राय लेते हैं. एक्टिंग के मामले में भी हम एक-दूसरे के काम को एक क्रिटिक की तरह देखते हैं और बेबाक सुझाव देते हैं. इससे हमें अपने काम को सुधारने का मौक़ा मिल जाता है.” वहीं गुरमीत कहते हैं देबिना बहुत समझदार, और सिच्युएशन को बड़ी आसानी से हैंडल करना जानती है. हम लकी हैं कि हमारे बीच बहुत अच्छी अंडरस्टैंडिंग रहती है.

बेस्ट कपल हैं गुरमीत चौधरी और देबिना बनर्जी

देबिना बताती है कि गुरमीत का हर काम एक्स्ट्रीम रहता है. पहले मुझे ये पसंद नहीं था, लेकिन आज उनकी क़ामयाबी देख लगता है कि एक्स्ट्रीम के बिना ये पाॅसिबल नहीं. बैलेंस करने के लिए मैं हूं, लेकिन बिना एक्स्ट्रीम के सक्सेस नहीं मिल पाती. वहीं गुरमीत बताते हैं कि मैं जो भी काम करता हूं उसमें जान लगा देता हूं, फिर चाहे वो एक्टिंग हो या डे टु डे के काम. मैं अच्छे से वर्कआउट करता हूं, डायट फॉलो करता हूं, और जिस दिन आलस होता है, उस दिन उसे भी पूरी शिद्दत से करता हूं. उस दिन मैं कुछ नहीं करता, जमकर खाता हूं. मेरे सारे काम ऐसे ही होते है.