कोरोना वायरस में स्ट्रांग इम्यूनिटी है जरूरी, इन लक्षणों से पता करें कि आपकी इम्यूनिटी कहीं कमज़ोर तो नही?

कोरोना काल बहुत चीजें बनी बिगड़ी है. कहीं बहुत लोगो की इससे जान गई है तो कहीं किसी ने आपदा को अवसर में बदला है. वैक्सीन ने फिलहाल इम्यूनिटी बूस्टर देना शुरू किया है मगर देश में अब भी हालत गंभीर बनी हुई है. अगर हमारी इम्यूनिटी सही हो और अगर हम सावधानी से रहे तभी हम सुरक्षित रह सकते है. वह हमारी इम्यूनिटी ही है जो हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाती है. ऐसे में हमारे लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या हमारी इम्यूनिटी स्ट्रांग है या कमजोर. आइए विशेषज्ञ की मदद से जाने क्या है कमजोर इम्यूनिटी के लक्षण.

लगातार बीमार रहना

अक्सर कई लोगों को मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम और बुखार होने की शिकायत आती है, यह आपकी कमजोर इम्यूनिटी की ओर इशारा करती है. बार बार बीमार पड़ना यानी शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम है. यह दर्शाता है कि हमारी बॉडी जीवाणुओं से लड़ने में काम सक्षम है.

थकान महसूस करना

अगर सुबह उठकर ताजा महसूस न हो और शरीर में दर्द रहे तो यह कम एनर्जी लेवल दर्शाता है, जो कि कमजोर इम्यूनिटी का संकेत है. सुबह फ्रेश शुरुआत से ही दिन भर तरो ताजगी बनी रहती है और हम दिन भर स्वस्थ रहते है.

ज़ख्मों का देरी से ठीक होना

अगर चोट लग जाने पर आपका घाव भरने में ज़्यादा समय ले रहा हो तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी दर्शाता है. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, उनके घावों पर जल्द ही सूखी पापड़ी बन जाती है और घाव जल्दी भरता है. यह पपड़ी खून का बहाव बाहर रोकने में मदद करती है.

पाचन तंत्र खराब होना

उनका पाचन तंत्र कमजोर रहता है और दस्त, गैस, सूजन, ऐंठन या कब्ज की शिकायत हमेशा बनी रहती है तो यह यह समझ जाने का समय है कि ये कमजोर इम्यूनिटी का लक्षण है. मेटाबॉलिज्म जब ठीक हो तब पेट ठीक होता है. पेट साफ ना होने से कई बीमारियां भी जन्म लेती है.

आपको बता दें की उपर्युक्त सभी विशेषज्ञ द्वारा सुझाव किए गए है. यह डॉ. राजन गांधी द्वारा बताया गया है. वे अत्याधिक योग्य और अनुभवी जनरल फिजिशियन हैं. बता दे कि इन्होंने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से अपना एमबीबीएस पूरा किया है. फिलहाल यह उजाला सिग्नस कुलवंती अस्पताल, कानपुर में मेडिकल डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन के पर कार्यरत है. यह आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आजीवन सदस्य भी हैं और अब डॉ. राजन गांधी को 25 साल का अनुभव है.