कभी कर्मचारी बीमा निगम में नौकरी करने वाले अमरीश पुरी कैसे बने फिल्मों के महान विलेन? यहां पढें इनकी स्ट्रगल स्टोरी

हिंदी सिनेमा जगत के जाने-माने अभिनेता अमरीश पुरी को तो सब लोग जानते हैं. उन्होंने अपने दमदार एक्टिंग के दम पर लाखों लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई थी. लेकिन आज वह इस दुनिया को अलविदा कह कर जा चुके हैं. आज हम आपको आपने इस पोस्ट के जरिए अमरीश पुरी की निजी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं. अमरीश पुरी का जन्म पंजाब के नवा शहर में हुआ था. जब दिया यह महज 22 वर्ष के थे तो उन्होंने फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए बतौर हीरो ऑडिशन दिया लेकिन डायरेक्टर ने इनको यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया कि इनका चेहरा काफी ज्यादा पथरीला है और यह हीरो के रोल को सूट नहीं करते.

गौरतलब है कि इसके बाद इस अभिनेता ने रंगमंच की तरफ अपना रुख कर लिया. निर्देशक के रूप में हिंदी रंगमंच को जिंदा करने वाले निर्देशक इब्राहिम अल्क़ाज़ी 1961 में अमरीश पुरी को थियेटर में लाया इसके अलावा यह अभिनेता मुंबई के राज्य निगम में सरकारी नौकरी कर रहे और क्षेत्र में भी एक्टिव हो गए जल्द ही अमरीश पुरी इब्राहिम के सहायक बन गए. शुरू में थिएटर प्ले करते हुए दुबे के आदेश लेने में अमरीश पुरी को काफी ज्यादा बुरा लगता था कि कम कद का एक छोकरा उन्हें सिखा रहा है. लेकिन बाद में दुबे जी की सख्ती बरतने के बाद वह दुबे जी के ज्ञान को मान गए. बाद में हमेशा वह दुबे को अपने गुरु कहकर बुलाते थे. फिर नाटकों में अमरीश पुरी के अभिनय की जबरदस्त पहचान बन गई.

जानकारी के लिए बता दें फिल्मों में अभिनय करने की ऑफर आने लगे तो अमरीश पुरी ने बीमा राज्य निगम की नौकरी छोड़ने का फैसला लिया. लेकिन इब्राहिम जी ने उनको ऐसा करने से रोक दिया कि जब तक फिल्मों में कोई अच्छा नहीं मिलता तब तक वह अपनी नौकरी ना छोड़े. आखिरकार एक नाटक में रोल करते हुए डायरेक्टर सुखदेव की नजर अमरीश पुरी पर पड़ी और अपनी मूवी रेशमा और शेरा में एक मुस्लिम के रोल के लिए कास्ट किया. तब अमरीश पुरी अपनी जिंदगी के 39 साल पूरे कर चुके थे. इसके बाद अमरीश पुरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

हालांकि 70 के दशक में अमरीश पुरी ने एक के बाद एक कई मूवी में दमदार अभिनय किए. लेकिन मुंबई की कमर्शियल फिल्मों में उनकी पहचान 80 के दशक में बनी. उन्होंने कमर्शियल फिल्मों में अपने अभिनय की शुरुआत डायरेक्टर बापू के मूवी ‘हम पांच’ से की. इस मूवी में अमरीश पुरी के अलावा संजीव कुमार, मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी, राज बब्बर जैसे कई बॉलीवुड सितारे मौजूद थे. इस मूवी में अमरीश पुरी ने विलेन ठाकुर वीर प्रताप का रोल अदा किया था. और इसी मूवी से उन्होंने विलेन के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई. विलेन के रूप में निभाया गया उनका अभिनय दर्शकों को काफी ज्यादा पसंद आया. जिसके बाद उन्होंने सुभाष घई की मूवी ‘विधाता’ में विलेन की दमदार भूमिका अदा की और इसके बाद विलेन के रूप में वह बड़े पर्दे पर छा गए. इसके बाद हालात यह हो गए कि कोई भी कमर्शियल फिल्म अमरीश पुरी के विलेन बने बिना पूरी नहीं होती थी.