IAS अफ़सरों की जॉइनिंग से लेकर प्रोमोशन तक, जानिए सरकार कितने पैसे देती है इन्हें हर महीने

हर कोई बड़ा बनना चाहता है और उसके लिए मेहनत भी करता है. हर कोई चाहता है कि उसके पास कोई पद पाॅवर हो. हर किसी को इच्छा रहती है कि वह बड़ा काम करें. दरअसल हमारे देश में सबसे बड़ी नौकरी आईएएस अधिकारी की होती है. हालाँकि नौकरशाही को एक परमानेंट सरकार भी कहा जाता है क्योंकि यही सरकार का सारा काम करती है. आपको बता दें कि हमारे देश में हर साल लाखों लोग आईएएस बनने का सपना देखते है और कई इसमें सफल होते है तो कई इससे बाहर. वैसे देखा जाए तो आईएएस अफ़सर बनना आसान काम नही है, क्योंकि इसके लिए यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करना जरूरी है. हालाँकि क्या आपको एक अधिकारी के वेतन की जानकारी है?

दरअसल एक आइएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी नामक सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है. हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग लेते हैं. परंतु कुछ लोगों को ही सफलता प्राप्त हो पाती है. यूपीएससी टेस्ट म पास करने के बाद लोगों को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री ट्रेनिंग अकैडमी में कड़ी ट्रेनिंग लेनी होती है.

आज के इस स्पेशल पोस्ट में हम आपको आईएएस अधिकारियों की बेसिक से लेकर प्रमोशनल सैलरी के बारे में बताने जा रहे हैं. 7th Pay कमीशन के अनुसार, आईएएस अधिकारियों को बेसिक वेतन और TA, DA, HRA के अनुसार प्राप्त होगा. हर एक प्रमोशन के बाद आईएएस अधिकारी की सैलरी में इजाफा होता जाता है.

पद अनुसार बेसिक सैलरी

बता दें कि SDM / अवर सचिव / सहायक सचिव की 56,100/ सैलरी होती है. वहीं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) / उप सचिव / अवर सचिव की 67,700/ सैलरी होती है. दरअसल जिला मजिस्ट्रेट/संयुक्त सचिव / उप सचिव का 78,800/ वेतन होता है. वहीं जिला मजिस्ट्रेट / विशेष सचिव / निदेशक का 1,18,500/ वेतन होता है. दरअसल डिविजनल कमिश्नर / सचिव-सह-आयुक्त / संयुक्त सचिव का वेतन 1,44,200/ है.

आपको बता दें कि प्रमुख सचिव / अपर सचिव का वेतन 1,82,200/ है. वहीं अपर मुख्य सचिव का वेतन 2,05,400/ है. प्रमुख शासन सचिव / सचिव का 2,25,000/ वेतन है. सबसे अधिक भारत के कैबिनेट सचिव का वेतन 2,50,000/ है.

गौरतलब है कि जब आईएएस अधिकारियों की नौकरी शुरू होती है तो उनका महंगाई भत्ता भी 0% निर्धारित किया जाता है जो समय के साथ बढ़ता ही रहता है. अधिकारियों की सैलरी कार्यकाल और प्रमोशन के साथ बढ़ता रहता है. दरअसल मूल सैलरी हर वर्ष प्राइमरी लेवल पर 3% बढ़ती है. कैबिनेट सचिव स्तर पर यह तय होती है. हर साल 0 से 14% तक महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी हो सकती है. कुल मिला कर यह मान लीजिए कि आईएएस की नौकरी पाना और देश को सेवाएं देना जितना कठिन है, उतने ही इसके फायदे भी हैं जो सरकार हमे देती है.