खेल-कूद की उम्र में इस बच्चे ने खड़ी कर दिखाई खुद की करोड़ों के टर्नओवर वाली कंपनी, 200 से ज्यादा लोगों को अब दे चुका है रोज़गार

कुछ बच्चे खेलने कूदने की उम्र में बड़ा काम कर दिखाते हैं. इन बच्चों का जज्बा वाकई काबिले तारीफ होता है. किसी ने सही ही कहा है कि इंसान को हमेशा अपनी सोच बड़ी रखनी चाहिए जिस व्यक्ति की सोच बड़ी होती है वही सफलता की बुलंदियों को प्राप्त करता है. हम अपनी इस पोस्ट के जरिए आपको एक ऐसे बच्चे से मिलाने जा रहे हैं जिसने खेलने कूदने की उम्र में सफलता की उन बुलंदियों को हासिल कर लिया है है. जो लोग पूरी जिंदगी में हासिल नहीं कर पाते.

इस बच्चे ने महज 15 साल की उम्र में व्यापार जगत में अपना नाम चमकाया है. यह बच्चा मुंबई का रहने वाला है और इसका नाम तिलक मेहता है. इस बच्चे ने अपने आईडिया और काम के चलते सभी लोगों को हैरान कर दिया है. दरअसल तिलक मेहता नाम के इस बच्चे की इस कामयाबी के पीछे उनके पिता की थकान है. लेकिन उनके सोचने के तरीके ने आज उनको काफी बड़ा मुकाम हासिल करवा दिया है.

दरअसल बात कुछ ऐसी है कि एक बार तिलक अपने किसी रिश्तेदार के घर गए थे. अपनी कुछ किताबें और कॉपियां तिलक उनके घर ही भूल गए थे अगले ही दिन तिलक का एग्जाम भी था. जिसके चलते तिलक अपने पिता का इंतजार कर रहे थे कि उनके पिता आए और वह अपनी को कॉपिया लेने के लिए जाएं. लेकिन जब उनके पिता घर आए तो वह काफी थके हुए थे. जिसके चलते तिलक ने उनके साथ यह बात करना सही नहीं समझा और पिता की थकान दूर करने का रास्ता खोज निकाला.

जब तिलक को अपनी कॉपियां समय पर नहीं मिली तो उनके दिमाग में कुछ ऐसी बातें आई कि उनकी तरह कितनी महिलाएं और कितने और बच्चे होंगे जो ऐसे ही अपनी चीजों का इंतजार कर रहे होंगे कि उन्हें भी कोई उनकी चीजें लाकर दे. जिसके बाद तिलक के दिमाग में कोरियर का बिजनेस शुरू करने का आईडिया आया उन्होंने अपना यह आईडी अपने पिता के साथ शेयर किया और उनके पिता को भी उनका यह आइडिया काफी हद तक अच्छा लगा.

लेकिन तिलक के आईडिया की सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी कि वह 24 घंटो के अंदर अंदर महिलाएं और बच्चों तक उनका सामान पहुंचाने वाली कोरियर कंपनी शुरू करना चाहते थे. तिलक के इस आइडिया उनके पिता ने समझा और वह बिजनेस की शुरुआत करने के लिए बैंक पहुंचे जहां उनकी मुलाकात बैंक अधिकारी घनश्याम परखे से हुई.

इसके बाद शुरुआत हुई की कंपनी पेपर और पेंसिल की. भले ही शुरुआती दिनों में तिलक की यह कंपनी अच्छी सफलता हासिल नहीं कर पाई. लेकिन आज इस कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड रुपए है. तिलक ने अपनी कोरियर कंपनी की शुरुआत करने के लिए मुंबई के डिब्बा देने वालों से मदद ली. इंटरव्यू के दौरान तिलक ने बताया था कि डिब्बा वालों ने उन्हें मासूम और क्यूट बच्चा समझ कर उनकी बात मान ली और शुरुआती दिनों में उनसे पैसे भी नहीं लिए.

शुरुआती दिनों में तिलक की कंपनी ने स्टेशनरी शॉप से समान लेकर कोचिंग सेंटर, स्कूल और बच्चों के घरों तक पहुंचाने का काम किया और उनके द्वारा किया गया उनका यह काम लोगों को काफी ज्यादा पसंद आया. जिसके बाद बुटीक, पैथलॉजी लैब और ब्रोकरेज कंपनियों से बात कर अपने बिजनेस को आगे बढ़ाते चले गए. आज 13 साल की उम्र में तिलक द्वारा शुरू की गई यह कंपनी 200 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और करोड़ों रुपए की कमाई कर रही है.