200 साल पहले टमाटर को दिया गया था ‘ज़हर’ का खिताब, जानिए लंबे मुकद्दमे के बाद कैसे मिली रसोई घर में एंट्री

भारत के रसोईघर में टमाटर का इस्तेमाल हर रोज किया जाता है. रसोई घर में बनने वाली हर सब्जी के अंदर टमाटर जरूर डलता है और टमाटर के सलाद के साथ-साथ टमाटर की चटनी को भी लोग बड़े ही स्वाद से खाना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप लोग टमाटर से जुड़ा एक रोचक इतिहास जानते हैं अगर नहीं तो आपको बता दें कि आज से लगभग 200 साल पहले 1820 में यूरोप में टमाटर को जहर वाली सब्जी माना गया था. यह बात बिल्कुल सच है तो चलिए आपको आज टमाटर से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में जानकारी देते हैं.

खबरों की माने तो यूरोप और एशिया में एक लंबे समय तक टमाटर को एक जहरीली सब्जी माना जाता था. दरअसल इसके पीछे का कारण यह था कि आज हर रसोई घर में अपनी जगह पा लेने वाला टमाटर में अधिक मात्रा में लैड पाया जाता था. उस समय टमाटर को पॉइजन एप्पल कह कर बुलाया जाता था. 15 वीं सदी से लेकर 18 वीं सदी उत्तक लोग टमाटर खाना बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे इससे विपरीत उनको टमाटर से नफरत थी और इन्हीं सब बातों के चलते पश्चिमी दुनिया में इस मजेदार सब्जी को ‘पापी फल’ का नाम दिया गया. एक हिस्ट्री चैनल के अनुसार टमाटर को टमाटर नाम यूटो-एज़्टेकन नहुआट्ल( Uto-Aztecan Nahuatl word) शब्द ‘टोमैटल‘ से दिया गया. इस शब्द का अर्थ स्वेलिंग फ्रूट है.

लाल रंग के फल इंसानों के लिए नहीं थे सही

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के न्यूजर्सी के रहने वाले एक सर्जन हुआ करते थे जो कि अलग-अलग तरह के फलों की खेती करना काफी पसंद करते थे. इनका नाम जॉन गेराड नाम था. बताया जाता है कि जब इन्होंने टमाटर की पहली बार खेती की थी तब उनके टमाटरओं में टोमैटिन नाम का एक टॉक्सिंस काफी कम मात्रा में पाया गया था. दरअसल टॉमीटेन होने के कारण ही लोग टमाटर को जहरीला मानते थे और खाना पसंद नहीं करते थे. बताया यह भी जाता है कि उस समय टमाटर से नफरत करने का एक कारण उसका लाल रंग भी था क्योंकि पुराने समय के लोग लाल रंग को इंसानों के लिए सही नहीं मानते थे.

18 जून 1820 को बुलाया गया कोर्ट

इस कहानी का सबसे रोचक तथ्य यह था कि टमाटर को जहरीला मानने के लोगों और टमाटर को लेकर जॉन पर केस कर दिया. एक कोर्ट में टमाटर का मुकदमा चला और सब लोग टमाटर के खिलाफ थे लेकिन वहां पर भी एक इंसान ऐसा था जिसने महा पर टमाटर का पक्ष लिया उस इंसान का नाम कर्नल रॉबर्ट गिबन जॉनसन था और यही वो इंसान थे जिन्होंने टमाटर को कोर्ट में बेकसूर साबित किया. टमाटर की पेशी के दौरान जॉनसन अपने साथ कोर्ट में एक टमाटर से भरी हुई टोकरी लेकर पहुंचा. वहां मौजूद हर कोई बस एक टक उन्हें देख रहा था. फिर क्या था देखते ही देखते जॉन्स कोर्ट में ही एक के बाद एक टमाटर खाने लगे और उन्हें देखकर लोगों को लगने लगा कि अब यह नहीं बचेगा. यह तो खुद ही आत्महत्या करने पर उतरा है.

इस कहानी में सबसे ज्यादा रोचक मोड़ तब आया जब टमाटर खाने के काफी समय बाद भी जॉनसन ठीक-ठाक रहे उनको कुछ भी नहीं हुआ. सब देखने के बाद वहां मौजूद सभी लोग काफी हैरान रह गए जिसके बाद जॉनसंस ने उन्हें बताया कि टमाटर जहरीला नहीं होता बल्कि इसको खाने के कई सारे फायदे होते हैं तब से लेकर अब तक लोगों के मन से टमाटर का को पूरी तरह खत्म हो चुका है और आज टमाटर हर घर के किचन में अपनी जगह बनाए हुए हैं.