CBSE टॉपर की मार्कशीट को गौर करके देखने पर दिखा कुछ ऐसा जो देख आप भी हो जाएंगे हैरान

इसमें कोई शक नहीं कि इंसान की सबसे बड़ी चाहत पैसा, पावर और सच्चा प्यार होती है. जी हां यानि जिस इंसान के पास ये तीनो चीजे होती है, वो वास्तव में खुद को भाग्यशाली समझता है. हालांकि अगर स्टूडेंट से पूछा जाए कि उसकी सबसे बड़ी चाहत क्या है. तो कुछ स्टूडेंट्स का जवाब होगा कि जीवन में कम मेहनत करके ज्यादा पैसा कमाना ही उनकी सबसे बड़ी चाहत है. इसके इलावा आज के समय में कुछ स्टूडेंट्स के लिए बेस्ट सेल्फी खींचना भी उनके जीवन की सबसे बड़ी चाहत है. मगर वही कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी है, जो अख़बार में अपना नाम टॉपर की लिस्ट में लिखवाना चाहते है और लाखो स्टूडेंट्स की भीड़ में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते है. बता दे कि आज हम ऐसे ही एक स्टूडेंट के बारे में बात करने जा रहे है.

जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस स्टूडेंट का नाम मेघना श्रीवास्तव है. जो नोएडा की रहने वाली है. गौरतलब है कि मेघना जो चाहती थी, उसमे से उसने काफी चीजे तो हासिल कर ली. जैसे कि फोटो सेशन और टॉपर का तमगा आदि सब तो उसने हासिल कर लिया है. मगर फिर भी अभी भी एक ऐसी चीज है, जो वो हासिल नहीं कर पाई और मेघना इस चीज को हासिल जरूर करना चाहती है. दरअसल मेघना लाखो स्टूडेंट्स की भीड़ में अलग दिखना चाहती थी. मगर मेघना ने जब अपनी मार्कशीट देखी तो उसका यह सपना अधूरा रह गया.

बरहलाल आपने अक्सर देखा होगा कि जब कोई बच्चा स्कूल में अच्छा परफॉर्म करता है, तो उसे प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग तरह का तमाशा किया जाता है. जैसे कि बच्चे की अच्छी हैंड राइटिंग के लिए उसे एक्स्ट्रा मार्क्स दिए जाते है और कई बार तो स्टार्स भी दिए जाते है. यहाँ तक कि कई बार तो किसी बच्चे को अपनी अच्छी परफॉरमेंस के लिए पप्पी तक मिल जाती है. मगर इस मार्कशीट को ध्यान से देखने पर आप खुद समझ जायेंगे कि इस स्टूडेंट के साथ कितनी न इंसाफ़ी हुई है. जी हां इतना अच्छा परफॉर्म करने के बावजूद भी मेघना की कोई सराहना नहीं की गई. यहाँ तक कि उसकी मार्कशीट पर भी ऐसा कोई निशान नहीं दिख रहा, जिससे उसे प्रोत्साहन मिल सके.

जी हां अगर आप इस मार्कशीट को ध्यान से देखेंगे तो इसके परिणाम वाले डिब्बे में केवल इतना ही लिखा गया है कि स्टूडेंट पास हो गई. हमारे कहने का मतलब ये है कि नतीजा लिखने वाले इस डिब्बे का रंग जरा बदल भी सकते है, ताकि मेघना को अपनी मार्कशीट देख कर थोड़ी सी तो ख़ुशी होती. दरअसल यहाँ हमारी शिकायत ये है कि ये मार्कशीट एक टॉपर की है और ऐसे में अगर मार्कशीट पर टॉपर का एक हल्का सा निशान भी बना देते, तो भी मेघना को कोई शिकायत नहीं होती. मगर नतीजा लिखने वालो ने ऐसा कुछ नहीं किया और मेघना को इसी बात का अफ़सोस है कि टॉपर होने के बावजूद भी वो अलग पहचान नहीं बना पाई है. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मेघना ने सीबीएसइ के एग्जाम में टॉप किया है.

फ़िलहाल आप मेघना की मार्कशीट यहाँ देख सकते है और इसे देखने के बाद खुद ये तय कीजिये कि क्या ये सही है.