कोरोना काल में घर रह कर Oxygen लेवल कैसे रखें मेंटेन? डॉ. अरविंद कुमार ने बताए ये सीक्रेट टिप्स

भारत में कोरोना महामारी आम जनता की कमर तोड़ रही है. सरकारी व्यवस्था चरमरा गई है और प्रतिदिन हजारों मैरिज ऑक्सीजन की कमी से मौत के घाट उतर रहे है. दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत सबसे अहम मुद्दा बनी हुई है. बड़ी बड़ी कंपनियों के सहयोग के बावजूद ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे में घर पर ऑक्सीजन लेवल को सही करने की जानकारी बेहद अहम हो चुकी है. आइए आपको बताते मेदांता अस्पताल के डॉक्टर अरविंद कुमार का क्या कहना है.

बता दे कि डॉ. अरविंद का कहना है कि जो लोग घर पर ही आइसोलेशन में संक्रमित हो वह किसी डॉक्टर से टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपर्क में बने रहें और उनकी सलाह पर घर पर ही ट्रीटमेंट करें अगर आपातकालीन स्थिति ना हो तो. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन मॉनिटरिंग के लिए ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल करें. इसे लगाना बहुत अहम होता है. जब आप ऑक्सीमीटर को खोलते हैं तो उसके अंदर एक रेड लाइट जलती दिखती है. जिधर रेड लाइट दिखाई दे वहां आपका नाखून रखे.

वहीं डॉ. अरविंद ने आगे कहा कि ऑक्सीमीटर में उंगली डालने के बाद इसे दो-तीन मिनट तक लगा रहने दें. और जब स्टेबल रीडिंग हो जाए तो उस रीडिंग को ही मानें, शुरुआती रीडिंग पर ध्यान ना दे. 94 का लेवल नॉर्मल माना जाता है. अगर इससे कम है तो इसका मतलब है कि आपको तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत है. और अगर अस्पताल में बेड ना मिले तो आजकल लोग घर पर ही ऑक्सीजन ले रहे हैं.

हालांकि डॉ. अरविंद ने यह भी कहा कि जब तक मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिलती तब तक उसे एक्सरसाइज करनी चाहिए. उन्होंने यह जानकारी दी कि जब हम पेट के बल लेट जाते हैं तो पेट के बल लेटने से छाती के अंदर और फेफड़ों के अंदर, ब्लड सप्लाई और हवा के बहाव में कुछ बदलाव होता है. जिससे ऑक्सीजेनेशन 5 से 10 प्रतिशत बढ़ जाता है. सीधे बैठकर अपने कंधों को ऊपर नीचे मूव करना चाहिए. बाजुओं को ऊपर नीचे लगाना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि इसके अलावा एक ब्रेथ होल्डिंग एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है.

दरअसल ब्रेथ होल्डिंग एक्सरसाइज में हम मुंह खोलकर गहरा सांस लेते हैं और जितना गहरा खींच सकते हैं उतना खींच कर सांस को जितनी देर तक रोक सकते हैं रोकत हैं. इसके फायदे यह है कि जब हम गहरी सांसें खींचते हैं तो हमारे फेफड़े बेस्ट कैपेसिटी से काम करते हैं. जिनका 94 से कम ऑक्सीजन है उन्हें ये व्यायाम करने चाहिए. ऐसा डॉक्टर का कहना है. वहीं डॉ. अरविंद ने यह भी बताया कि मरीज को एकदम से अधिकतम ऑक्सीजन नहीं देनी चाहिए. इससे मरीज़ बेहोश तक हो सकता है.