मामूली दुकानदार की बेटी को मिला मेहनत का फल, बिना कोचिंग बनी IAS अफसर

अगर इंसान अपने जीवन में कुछ करने की ठान ले और अपनी मंजिल पाने के लिए मेहनत करें तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। ऐसा कहा जाता है कि कड़ी मेहनत से ही व्यक्ति अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है। वर्तमान समय में हर युवा वर्ग के लोग यही चाहते हैं कि वह आईएएस अफसर बनें लेकिन आईएएस अफसर बनने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। हर वर्ष लाखों लोग आईएएस अफसर बनने का सपना मन में संजोए खूब मेहनत करते हैं परंतु कुछ लोगों को ही अपनी मेहनत का फल मिल पाता है। आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसने वर्ष 2017 की उत्तराखंड UPSC परीक्षा में टॉप किया है। इस लड़की ने अपना सपना पूरा करने के लिए खूब मेहनत की और आखिर में इसको अपनी मेहनत का फल मिल गया और इन्होंने 17वीं रैंक हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया।

हम आपको जिस लड़की की कहानी बता रहे हैं उसका नाम नमामि बंसल है। जो 2017 की उत्तराखंड यूपीएससी टॉपर हैं। इनके संघर्ष की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। आपको बता दें कि नमामि बंसल लाजपत राय मार्ग ऋषिकेश निवासी हैं। जब नमामि बंसल के पिताजी राज कुमार बंसल के पास फोन आया कि उनकी बेटी IAS परीक्षा में पास हो गई हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आपको बता दें कि नमामि बंसल के पिता राज कुमार बंसल का ऋषिकेश में बर्तन की दुकान है।

नमामि बंसल पढ़ाई में बहुत ही अच्छी थीं इन्होंने अपनी प्राथमिक स्तर से लेकर इंटर तक की परीक्षा एनडीएस गुमानीवाला से की है। दसवीं कक्षा में इनके 92.4 प्रतिशत अंक थे और इंटर में 94.8 प्रतिशत अंक थे। इतने अच्छे अंको से इन्होंने अपने स्कूल के साथ-साथ ऋषिकेश का नाम भी रोशन किया था। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने बीए अर्थशास्त्र ऑनर्स लेडी श्री राम कॉलेज दिल्ली और ओपन यूनिवर्सिटी हल्द्वानी से अर्थशास्त्र विषय से की।

आपको बता दें कि नमामि बंसल एमए में ओपन यूनिवर्सिटी की टॉपर रही थीं। राज्यपाल केके पॉल ने 17 अप्रैल 2017 को गोल्ड मेडल से इनको सम्मानित भी किया। बातचीत के दौरान नमामि बंसल ने बताया कि उन्होंने परीक्षा के लिए कोचिंग नहीं ली थी। परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने इंटरनेट का सहारा लिया। इंटरनेट पर ही विषयों की तैयारी करती थीं। अपनी मेहनत और लगन से इन्होंने परीक्षा पास की। नमामि बंसल का कहना है कि नेट पर सारी जानकारियां उपलब्ध होती हैं, जिससे हम लोग पूरी पढ़ाई करके मुकाम हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह बालिका शिक्षा के साथ ही पहाड़ों से होने वाली पलायन को रोकने के लिए प्राथमिकता से काम करेंगीं।

नमामि बंसल की माताजी शरिता बंसल और भाई विभु बंसल का ऐसा कहना है कि उनकी सफलता से हमें बहुत गर्व है। उनकी माताजी ने कहा कि मेरी बेटी ने जो सफलता हासिल की है वह मेरे जीवन की सबसे खुशी की बात है। नमामि बंसल की मां ने कहा कि जब वह पढ़ाई और तैयारी कर रही थी तो वह मेरे साथ घर के कामों में साथ भी देती थी। घर का काम करते हुए मेरी बेटी अपनी पढ़ाई और तैयारी करती थी।