22 साल की उम्र में IAS बनी आर्मी अफसर की बेटी, UPSC Exam में ऐसे 4th रैंक की हासिल

वैसे देखा जाए तो हर इंसान अपने जीवन में बड़े-बड़े सपने देखता है परंतु सिर्फ सपने देखने से ही कुछ नहीं होता है। अगर अपने सपने को पूरा करना है तो इसके लिए जीवन में कठिन मेहनत और संघर्ष करने की जरूरत है। आजकल के समय में लोग आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं। संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC Civil Service Exam) को सबसे कठीन परीक्षाओं में से एक माना जाता है।

UPSC परीक्षा को पास करना बहुत कठिन होता है लेकिन ऐसा नहीं है कि आप यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं कर सकते। अगर आप मेहनत और लगन से इसकी तैयारी करेंगे तो आपको इसमें सफलता अवश्य प्राप्त होगी। इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। कई महिला अधिकारियों ने अपने काम से पहचान बनाई है।

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल (Smita Sabharwal) की कहानी बताने जा रहे हैं, जो ‘जनता की अधिकारी’ कही जाती हैं। जिन्होंने असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और अपनी कड़ी मेहनत से यूपीएससी परीक्षा में चौथी रैंक हासिल कर 22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गईं।

रिटायर्ड सेना अधिकारी हैं स्मिता सभरवाल के पिता

आपको बता दें कि स्मिता सभरवाल पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के रहने वाली हैं। उनके पिताजी का नाम प्रणब दास है, जो भारतीय सेना में कर्नल के पद से रिटायर हुए हैं। इसी वजह से स्मिता सभरवाल अलग-अलग शहरों में पली बढ़ी हैं और उनकी पढ़ाई भी अलग-अलग स्कूलों से हुई है।स्मिता सभरवाल शुरुआत से ही पढ़ाई में बहुत तेज रही रहीं थीं। उन्होंने 12वीं में ISC बोर्ड में टॉप किया था। 12वीं के बाद उन्होंने कॉमर्स स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की।

जब स्मिता सभरवाल ने 12वीं में टॉप किया था तो उसे दौरान उनके पिताजी ने उन्हें सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रोत्साहित किया था। द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्मिता सभरवाल ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी में जुट गईं।

पहले प्रयास में मिली असफलता

स्मिता सभरवाल ने सिविल सर्विस एग्जाम के लिए खूब मेहनत की लेकिन उन्हें पहले प्रयास में असफलता का सामना करना पड़ा और वह प्रीलिम्स एग्जाम भी क्लियर ना कर सकीं। पहले प्रयास में असफल होने के बाद स्मिता सभरवाल निराश जरूर हुईं परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और उन्होंने दोबारा परीक्षा देने के लिए अपनी कड़ी मेहनत जारी रखी।

महज 22 वर्ष की आयु में बनीं IAS अफसर

स्मिता सभरवाल ने दूसरी बार परीक्षा दी। स्मिता सभरवाल ने साल 2000 में यूपीएससी एग्जाम में चौथी रैंक हासिल की और सिर्फ महज 22 वर्ष की आयु में आईएएस अधिकारी बनकर अपना सपना साकार किया। स्मिता सभरवाल ने परीक्षा की तैयारी के बारे में बात करते हुए यह बताया कि वह रोजाना 6 घंटे पढ़ाई करती थीं और इसके साथ ही वह 1 घंटे का समय स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए भी निकाला करती थीं। वह करंट अफेयर्स की तैयारी के लिए न्यूज़पेपर और मैगजीन पढ़ा करती थीं।

आपको बता दें कि स्मिता सभरवाल की पहली नियुक्ति चित्तूर में सब-कलेक्टर के रूप में हुई। वह कडप्पा रूरल डेवलपमेंट एजेंसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वारंगल की नगर निगम कमिश्नर और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर रही हैं। इसके अलावा वह विशाखापट्टनम और करीमनगर जैसे जगहों पर भी तैनात रही हैं। उन्हें “पीपुल्स ऑफिसर” के नाम से भी जाना जाता है। आज भी स्थानीय लोग स्मिता को उनके बेहतरीन काम के लिए याद करते हैं।