Pitru Paksha 2020: मरने के बाद सपने में दिखे परिजन तो मिलते हैं ये संकेत, जानिए इनका दिखना शुभ या अशुभ?

साल में एक बार हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि का कार्य किया जाता है. इस हिन्दू धर्म की मान्यताओं में पितृ पक्ष के दौरान किसी प्रकार का शुभ कार्य या पूजा अनुष्ठान नहीं किया जाता. क्योंकि मान्यता के अनुसार यह 15 दिन का पक्ष सिर्फ पितरों (मृत पूर्वजों) के लिए निश्चित होता है. इस दौरान यदि आप दान करते है, भूखों को खाना खिलाते हैं तो माना जाता है कि यह खाना आपके पूर्वजों की आत्मा तक पहुंचता है. औरउनकी आत्मा को शांति मिलती है.

दरअसल कई बार ऐसा होता कि आपके किसी मृत हो चुके परिजन से इतना जुड़ाव होता है कि वह आपके सपनों में भी दिखने लगता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृ पक्ष में परिजनों का सपने में दिखना एक विशेष प्रकार का संकेत होता है. आपको यह भी संकेत मिलता है कि आपसे वह पूर्वज क्या आशा रखते हैं. आगे जानें कुछ स्वप्न विचारों का अर्थ:-

1. सपने में मृतक परिजन का बीमार या कष्ट में दिखाई देना

अगर आपके संबंधीस्वस्थ्य अवस्था में या अपनी आयु पूरी करने के बाद स्वर्गवासी हुए हैँ और सपने में बीमार या कष्ट में दिख रहे हैं तो इसका मतलब है उनकी आत्मा को शांति नहीं मिली है. सपने में आकर परिजन आपको इशारा देते हैं कि आप को उनकी आत्मा की शांति के लिए कुछ करना चाहिए. अपने पंडित या बुजुर्गों की सलाह के अनुसार, आपको तर्पण, श्राद्ध या दान आदि करने की सलाह दी जाती है.

2. सपने में मृतक संबंधी का स्वस्थ या खुश दिखाई देना

अगर आपके परिजन सपने में स्वस्थ या खुश दिखाई देते हैं तो इसका मतलब है कि उनकी आत्मा को शांति मिल चुकी है. उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है. आपको भी बार-बार उनको याद करके परेशान नहीं करने की सलाह दी जाती है.

3. जीवित व्यक्ति का सपने में मृत दिखना-

यदि किसी जीवित परिजन व्यक्ति को सपने में आप मृत देखते हैं तो स्वप्न विचार के अनुसार, वह उस व्यक्ति की आयु बढने का संकेत होता है.
दरअसल ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, किसी मृतक परिजन को याद करना या उनकी चर्चा करने से आपको और आपके परिजन की आत्मा दोनों को कष्ट पहुंचता है. इसलिए आपको करना चाहिए कि जो इस दुनिया को छोड़कर जा चुके है उसके बारे में कम से कम सोच विचार करे.

जानकारों का यह भी विश्वास है कि कुछ लोग अपनी उम्र पूरी किए बिना गुजर जाते और उनमें से कुछ लोग प्रेत योनि में चले जाते हैं. अच्छे और सद्भावना वाले व्यक्ति की आत्मा किसी को परेशान नहीं करती. लेकिन दुष्ट प्रकृति के लोगों की आत्मा गुजर जाने के बाद परेशान करती है.