महज 10 माह की अनाथ बच्ची को पहली बार रेलवे में मिली नौकरी, जानिए क्या है पूरा मामला

रेलवे की नौकरी हर कोई करना चाहता है। आप लोगों ने देखा होगा कि रेलवे की भर्ती में लाखों ही नहीं बल्कि करोड़ों लोग अप्लाई करते हैं। रेलवे की नौकरी के छोटे से छोटे पद के लिए भी काफी लोग अप्लाई करते हैं। रेलवे की नौकरी के लिए लोगों में काफी क्रेज होता है लेकिन कुछ लोग भी होते हैं जो इसमें सफलता प्राप्त करते हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ में रेलवे के इतिहास का पहला ऐसा मामला आया है, जहां 10 महीने की छोटी बच्ची को रेलवे की नौकरी मिली है।

जी हां, आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं। भले ही आपको यह सुनकर काफी हैरानी हो रही होगी लेकिन बात बिल्कुल सच है। भारतीय रेलवे में एक 10 महीने की बच्ची की नौकरी लगी है। भारत सरकार ने सरकारी नौकरी करने वाले मृतक पर आश्रित परिवार के सदस्य को नौकरी देने के लिए एक योजना की शुरुआत की थी, जिसको अनुकंपा नियुक्ति योजना के नाम से जाना जाता है।

10 महीने की बच्ची को रेलवे की मिली नौकरी

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 4 जुलाई 2022 को पहली बार किसी 10 महीने की बच्ची को भारतीय रेलवे में अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली है। बच्ची का फिलहाल माइनर रजिस्ट्रेशन किया गया है। जब बच्ची बालिग होगी तो उसे नौकरी के साथ-साथ वह तमाम सुविधाएं मिलेंगी, जो रेलवे कर्मचारियों को मिलती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छत्तीसगढ़ की बच्ची के माता-पिता की 1 जून को सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। बच्ची भी उनके साथ थी। लेकिन उसकी जिंदगी बच गई। वहीं इस योजना के अंतर्गत जब बच्ची 18 साल की हो जाएगी, तब नौकरी शुरू कर सकती है। नौकरी ज्वाइन करते ही उसे सैलरी के साथ रेलवे की सभी सुविधाओं का लाभ प्राप्त होगा।

अनुकम्पा नियुक्ति के लिए रजिस्ट्रेशन

आपको बता दें कि बच्ची के पिता राजेंद्र कुमार पीपी यार्ड भिलाई में सहायक पद पर कार्यरत थे। लेकिन एक सड़क हादसे में राजेंद्र और उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। माता-पिता की मृत्यु के पश्चात बच्ची को अनुकंपा नियुक्ति रेलवे की तरफ से मिलेगी, जिसके लिए उसका रजिस्ट्रेशन करवाया गया है। बच्ची इतनी छोटी है कि वह खुद पंजीकरण नहीं कर सकती इसलिए अधिकारियों की मौजूदगी में अंगूठा लगाकर नौकरी के लिए उसका पंजीकरण करवाया गया।

एसईसीआर के कार्मिक विभाग रायपुर रेलवे डिवीजन में बच्ची के रजिस्ट्रेशन को आधिकारिक तौर पर दर्ज करने के लिए उसके फिंगरप्रिंट लिए हैं। छोटी बच्ची होने की वजह से उसके फिंगरप्रिंट में मुश्किल हुई। फिलहाल, बच्ची के भविष्य को देखते हुए उसकी नौकरी रेलवे में पक्की करने के लिए यह पंजीकरण करवाया गया है।

अनुकंपा नियुक्ति योजना क्या है?

अनुकंपा नियुक्ति योजना में यदि पति या फिर पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद घर में जो भी बड़ा होता है, उसे नौकरी दी जाती है। मगर उस सरकारी कर्मचारी का कोई आश्रित पहले से सरकारी नौकरी कर रहा है तो ऐसे में दूसरे आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिलती।

वहीं भारतीय रेलवे में अगर ड्यूटी या सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में उस कर्मचारी के आश्रित सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों की पेशकश की जाती है।