बेटी को पालने के लिए स्कूटी पर राजमा-चावल बेचतीं हैं सरिता, गरीब लोगों को फ्री में देती है खाना

ऐसा कहा जाता है कि एक मां अपने बच्चों को पालने के लिए हर कठिनाई का सामना कर सकती है। अपने बच्चों की खुशियों के लिए एक मां हर मुश्किल परिस्थिति से गुजर सकती है। बच्चों की खुशी के लिए हर मुश्किल मां के सामने छोटी है। आज हम आपको एक ऐसी सिंगल मदर के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जो अपनी बेटी को पालने के लिए सड़क पर खाना बेचती है, इतना ही नहीं बल्कि यह खाना बेचने के साथ-साथ जिन लोगों के पास पैसे नहीं होते हैं उनको भी फ्री में पेट भर खाना खिलाती हैं। इनके पास ढेला, होटल या कोई बड़ी दुकान नहीं है. यह अपनी स्कूटी के ऊपर बर्तन चूल्हा रखकर लोगों को खाना परोसतीं हैं।

किसी को भूखे पेट नहीं जाने देती

आपको बता दें कि पश्चिम विहार दिल्ली की रहने वाली सरिता कश्यप पिछले 20 वर्षों से अपनी स्कूटी पर राजमा चावल का स्टॉल लगाती हैं। मिली जानकारी के अनुसार सरिता कश्यप पहले एक ऑटोमोबाइल कंपनी में जॉब किया करती थीं परंतु सिंगल मदर सरिता कश्यप जी ने कुछ वर्षों पहले ही अपनी नौकरी छोड़ दी थी, उसके बाद इन्होंने राजमा-चावल का स्टॉल लगाया। इनकी एक बेटी है जो कॉलेज में पढ़ती है। घर में कमाने वाली सिर्फ सरिता ही हैं। अपनी बेटी को पालने के लिए यह राजमा-चावल का स्टॉल लगाने लगीं। अगर आपके पास पैसे नहीं है तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरिता जी आपको कभी भी भूखा नहीं जाने देंगीं। जिन लोगों के पास पैसे नहीं होते हैं उनको यह मुफ्त में खाना खिलाती हैं, इनका कहना है कि जो लोगों को खाना खिलाने की खुशी है वह कहीं नहीं मिलती। इतना ही नहीं जब इनके पास खाली समय रहता है तो यह गरीब बच्चों को भी पढ़ाती हैं।

जानिए कैसे शुरू हुआ था इनका बिजनेस

सरिता कश्यप जी ने जब अपनी नौकरी छोड़ी तो इनको आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा था। पैसों की कमी के चलते सरिता जी एक दिन राजमा-चावल बना कर स्कूटी पर बेचने चली गईं। इन्होंने सोचा कि अगर कोई खरीदार खाएगा तो ठीक है वरना वापस लौट आएंगीं, लेकिन इनका बिजनेस चलने लगा। आपको बता दें कि सरिता जी रोजाना पीरागढ़ी में मेट्रो स्टेशन के पास पेड़ के नीचे स्कूटी पर राजमा चावल बेचने लगीं। इसी के माध्यम से इनके घर का खर्चा चलता है और उनकी बेटी भी ठीक प्रकार से पढ़ाई कर रही है। अपने इस बिजनेस से यह अच्छा खासा पैसा कमा लेतीं हैं।

सरिता जी ₹40 से ₹60 रुपये में लोगों को भरपेट राजमा चावल खिला देती हैं, इतना ही नहीं अगर किसी के पास पैसे नहीं भी होते हैं तो यह उन लोगों को भूखा नहीं जाने देती हैं। यह कहती है कि आप खाना खा लो, पैसे जब हो तब दे जाना। सरिता जी का दिल बहुत बड़ा है, मेट्रो स्टेशन और पेट्रोल पंप के पास घूमने वाले निर्धन बच्चों को यह मुफ्त में रोजाना ही भोजन खिलाती हैं, इतना ही नहीं बल्कि यह कुछ बच्चों के स्कूल के लिए किताब, ड्रेस, जूते भी खरीद देती हैं। सरिता जी के जज्बे और संघर्ष की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है।