खुद पिच बनाकर की प्रैक्टिस, बोर्ड परीक्षा छोड़ी, अब बने IPL 2020 का हिस्सा

कोरोना वायरस की वजह से देश भर में लॉकडाउन चल रहा है। कोरोना काल में सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए इसी बीच आईपीएल 2020 (IPL 2020) का आगाज हो चुका है। क्रिकेट प्रेमियों के अंदर क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी अलग ही देखने को मिलती है। क्रिकेट खेल ऐसा है जिसको हर उम्र के लोग देखना बेहद पसंद करते हैं। आईपीएल 2020 के खिलाड़ियों को लेकर फैंस में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। वैसे देखा जाए तो आईपीएल हमेशा से ही एक बेहतरीन मंच रहा है, जहां पर ऐसे बहुत से युवा खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से लोगों का दिल जीत लिया है।

आईपीएल सीजन 13 में ऐसे बहुत से युवा खिलाड़ी है जो अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं। वैसे कई युवा खिलाड़ियों ने अपने खेल से किसी ना किसी टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। उन्हीं में से एक किंग्स इलेवन पंजाब में खेल रहे स्पिनर रवि बिश्नोई है। जी हां, जिन्होंने अपने शानदार डेब्यू प्रदर्शन से हर किसी का दिल जीत लिया है। आईपीएल में इनका प्रदर्शन काबिले-तारीफ है लेकिन रवि बिश्नोई ने काफी कठिनाइयों को पार करके यह मुकाम हासिल किया है।

आईपीएल डेब्यु मैच में चमका रवि बिश्नोई का सितारा

आपको बता दें कि रवि बिश्नोई U-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप 2020 का हिस्सा रहे हैं। अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से इन्होंने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था और उनके प्रशंसक इनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे हैं। आईपीएल सीजन 13 में किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली कैपिटल के बीच हुए मुकाबले में रवि बिश्नोई ने खुद को साबित करके दिखाया है। इनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए भारत के दिग्गज स्पिनर रहे अनिल कुंबले ने भी ताली बजाई, जो उनकी टीम के कोच भी हैं। रवि बिश्नोई ने 4 ओवर में 22 रन देकर एक विकेट चटकाया। इनके बेहतरीन प्रदर्शन की हर कोई तारीफ कर रहा है।

खुद पिच बना कर की थी प्रैक्टिस

राजस्थान के जोधपुर के बिरामी गांव में जन्मे रवि बिश्नोई ने यह मुकाम हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष किया है। इनके ऊपर परिजनों की तरफ से पढ़ाई का काफी दबाव था। क्रिकेट के हर क्षेत्र में इनको कई स्थानों से निराशा का सामना करना पड़ा था, लेकिन फिर भी रवि बिश्नोई ने अपनी हिम्मत नहीं टूटने दी। इनका आत्मविश्वास मजबूत था, जिसके चलते उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने एक अकादमी खोलने का मन बनाया। बता दें कि रवि बिश्नोई ने अपने कोच शाहरुख पठान और प्रद्योत सिंह की सहायता से अकादमी बनाई थी। रवि बिश्नोई के पास पर्याप्त रुपए नहीं थे, लेकिन इन्होंने मैदान में खुद मेहनत की और पिच तैयार कर दी।

बार-बार रिजेक्ट होने पर भी अपने कदम नहीं किए पीछे

रवि बिश्नोई को एक बार नहीं बल्कि कई बार असफलता का सामना करना पड़ा था। इनको दो मैचों के लिए राज्य स्तरीय अंडर 16 क्रिकेट टीम में जगह मिली, लेकिन इनका भाग्य इनके साथ नहीं था। इस मैच में इनको अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिल पाया। वर्ष 2018 में राज्य संघ ने एक टूर्नामेंट आयोजित किया, जिसमें पांच मैचों में रवि ने 15 विकेट चटकाए। अपने इस शानदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान इन्होंने अपनी तरफ खींचा था, लेकिन फिर भी इनको अंडर-19 में स्थान नहीं मिल पाया था। रवि बिश्नोई के पिताजी ने इनको इतना कह दिया कि अब तुम क्रिकेट छोड़ कर पढ़ाई पर ध्यान दो। तब रवि बिश्नोई के कोच ने इनके पिता को समझाया। बाद में इन्हें राजस्थान रॉयल्स टीम के लिए नेट पर गेंदबाजी करने का अवसर मिला।

रवि बिश्नोई ने क्रिकेट के लिए छोड़ दी बोर्ड परीक्षा

रवि बिश्नोई मैदान में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। तभी इनके पिता जी का फोन आया। रवि बिश्नोई के पिता जी ने इनको सख्ती के साथ कहा कि वह बोर्ड की परीक्षा दे। तब रवि ने सोचा कि जाने से पहले कोच से सलाह लेनी चाहिए। तब उनके कोच ने कहा था कि यह तुम्हारे पास मौका आया है। इसको पकड़ लो या फिर अपने हाथ से गंवा दो। तब रवि बिश्नोई ने अपने कोच की बातों पर ध्यान दिया और क्रिकेट को अपनाया।