इस मंदिर में माता की मूर्ति दिन में तीन बार बदलती है अपना रंग, दर्शन मात्र से ही मनोकामना होती है पूरी

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं हमारे देश में बहुत से प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जो दुनिया भर में अपने किसी ना किसी चमत्कार और खासियत के लिए मशहूर हैं। लगभग हर प्राचीन मंदिर से कोई ना कोई चमत्कार जुड़ा हुआ है, जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है। अक्सर इन मंदिरों में होने वाले चमत्कार को देखने के बाद सभी आश्चर्यचकित हो जाते हैं।

देश के इन प्राचीन मंदिरों में कोई ना कोई ऐसा रहस्य जरूर छुपा रहता है जिसकी वजह से लोग सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जो अपने चमत्कार के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में स्थित मां लक्ष्मी जी की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रंग बदलती है।

मूर्ति दिन में तीन बार बदलती है अपना रंग

दरअसल, आज हम आपको जिस चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं यह मंदिर मध्य प्रदेश जिले के जबलपुर राज्य में स्थित है। इस चमत्कारी मंदिर का नाम “पचमठा मंदिर” है। इस मंदिर में स्थापित मां लक्ष्मी की मूर्ति पूरे दिन में तीन बार अपना रंग अपने आप बदलती है। इस चमत्कार को देखने वाला हर व्यक्ति सोचने पर मजबूर हो जाता है। यह मंदिर दुनिया भर में अपने इस चमत्कार की वजह से प्रसिद्ध है।

इस मंदिर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यह स्थान देशभर के तांत्रिकों के लिए तंत्र साधना का विशेष केंद्र माना जाता है। इस मंदिर के चारों तरफ श्री यंत्र की विशेष रचना बनी हुई है। इतना ही नहीं बल्कि इस मंदिर में स्थित मां लक्ष्मी जी की मूर्ति आज भी दिन में तीन बार अपना रंग अपने आप बदलती है।

मंदिर का 11 सौ वर्ष पूर्व हुआ था निर्माण

इस चमत्कारी पचमठा मंदिर के बारे में यह बताया जाता है कि इसका निर्माण लगभग 1100 साल पहले हुआ था। इसके अलावा इस मंदिर की एक खास और आश्चर्यजनक बात यह भी है कि यहां की सूरज की सबसे पहली किरण महालक्ष्मी जी के चरणों में सीधी सीधी पड़ती है। इस मंदिर में माता लक्ष्मी जी की जो प्रतिमा स्थापित है, उसका रंग प्रतिदिन तीन बार परिवर्तित होता है। सुबह के समय माता लक्ष्मी जी की प्रतिमा सफेद रंग की होती है, दोपहर में पीला और शाम को प्रतिमा नीली हो जाती है।

दर्शन करने से मनोकामना होती है पूरी

आपको बता दें कि इस मंदिर में वैसे तो हमेशा ही भक्तों की भीड़ लगी रहती है परंतु शुक्रवार के दिन इस मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगती है। ऐसा कहा जाता है कि सात शुक्रवार तक यहां पर मां लक्ष्मी जी के दर्शन करने से भक्तों की सारी मनोकामना पूरी हो जाती है। इस चमत्कारी मंदिर के पास एक अधारताल नाम का तालाब है। जिसको रानी दुर्गावती के विशेष सेवापति रहे दीवान आधार सिंह ने बनवाया था। दिवाली के दिन इस पचमठा मंदिर में देशभर से लोग माता लक्ष्मी जी की विशेष पूजा करने के लिए आते हैं।

आपको बता दें कि दिवाली के दिन पचमठा मंदिर में महालक्ष्मी जी की पूजा करने के लिए भारी भीड़ लगती है। दिवाली की रात को इस चमत्कारी मंदिर के कपाट पूरी तरह से खोली दिए जाते हैं और पूरे मंदिर को दीपक से सजाया जाता है। यह दृश्य इतना मनमोहक और अद्भुत होता है कि जिसे देखकर आपकी आंखों में यह हमेशा के लिए बस जाए।